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17जेएनडी12-शहर के एक निजी अस्पताल के बाहर लगाया गया ओपीडी बंद का पोस्टर। संवाद
जींद। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में शनिवार को निजी चिकित्सकों ने ओपीडी बंद रखी। शनिवार को सभी निजी अस्पतालों के बाहर ओपीडी बंद के बैनर लगाए गए थे। इसके कारण मरीजों को बिना इलाज के ही लौटना पड़ा। निजी चिकित्सकों ने यह कार्रवाई ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर की थी। निजी अस्पतालों में हड़ताल का असर सरकारी अस्पतालों में भी देखने के लिए मिला।
शनिवार को सरकारी अस्पताल में दवा और इलाज के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई थीं। इसके चलते सरकारी अस्पताल में 1800 से ज्यादा ओपीडी हुई, जबकि रोजाना 1500-1600 के आसपास होती थी। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने निजी अस्पताल बंद होने के चलते पहले ही व्यवस्था बनाई हुई थी। इसके चलते मरीजों को दवा लेने और इलाज करवाने में परेशानी नहीं आई। शनिवार को भी अस्पतालों में कार्रवाई सुचारु रूप से चलती रही।
गौरतलब है कि गत दिनों पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कुछ लोगों ने अस्पताल कैंपस में ही सामूहिक दुष्कर्म किया था। उसके बाद उसकी हत्या कर दी थी। शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि महिला की जांघ के पास से हड्डियां टूटी हुई थीं। उसकी आंख, मुंह, पेट और आंतरिक जगहों पर भी गहरे चोट के निशान मिले हैं।
निजी चिकित्सकों की मांगें
निजी चिकित्सकों ने शनिवार को शहर के एक निजी होटल में जिला प्रधान डॉ. मनोज गर्ग की अध्यक्षता में बैठक की। इसमें कोलकाता में हुई जघन्य हत्या व दुष्कर्म के मामले मेंं रोष प्रकट किया गया। चिकित्सकों ने इस घटना के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। इसके अलावा चिकित्सकों और अस्पताल परिसर में सुरक्षा के लिए कई मांगें उठाईं। उन्होंने कहा कि अस्पताल को सेफ जोन घोषित किया जाए। हर नागरिक अस्पताल में पुलिस की तैनाती की जाए। अस्पताल परिसर में चिकित्सकों के साथ कोई भी अप्रिय घटना होती है तो उसके लिए अलग से कानून बनाया जाए।
17जेएनडी12-शहर के एक निजी अस्पताल के बाहर लगाया गया ओपीडी बंद का पोस्टर। संवाद
17जेएनडी12-शहर के एक निजी अस्पताल के बाहर लगाया गया ओपीडी बंद का पोस्टर। संवाद
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Jind News: निजी अस्पताल बंद रहे, सरकारी बनी सहारा