[ad_1]
बलिदान कुलदीप मालिक के पार्थिव शरीर को गांव निडाणी में पहुंचते ही भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया। गांव के लोग, उनके परिजन और स्थानीय प्रशासन ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर शोक की लहर दौड़ गई और हर किसी की आंखें नम थीं।
बलिदानी कुलदीप मलिक का अंतिम संस्कार
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके में हुए आतंकी हमले में बलिदान हुए जींद जिले के गांव निडानी निवासी सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कुलदीप मलिक का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह गांव में पहुंचा। कुलदीप मलिक का सैन्य सम्मान के साथ बुधवार को अंतिम संस्कार हुआ। कुलदीप के बेटे नवीन ने मुखाग्नि दी। सेना के अधिकारियों ने बेटे को तिरंगा सौंपा। सेना की टुकड़ी ने बलिदानी को अंतिम सलामी दी और मातमी धुन बजी।
ग्रामीणों के अलावा आसपास के गांवों से भी लोग तथा हजारों युवा उनकी अंतिम यात्रा पहुंचे और नम आंखाें के साथ देशभक्ति नारे लगाए। इस दौरान सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, जुलाना विधायक अमरजीत ढांडा के अलावा प्रशासन की तरफ से डीसी मोहम्मद इमरान रजा, एसपी सुमित कुमार ने मौके पर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। वीरांगना के आंसू नही थम रहे थे। दोनों बेटे किसी तरह अपने आंसू रोक पा रहे थे।
कुलदीप की विरांगना पत्नी लक्ष्मी का रो-रोकर बुरा हाल था। शहीद पति के अंतिम दर्शन के समय लक्षमी ने वंदे मातरम का नारा तो जरूर लगाया लेकिन अपने आंसू नहीं रोक पाई। कुलदीप के बेटे नवीन और संजय अपने आंसू रोकने की कोशिश कर रहे थे लेकिन ये थम नहीं पा रहे थे। सेना के जवान और लोग परिवार के लोगों को ढांढस बंधा रहे थे। परिवार की महिलाओं को रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार के बुजुर्ग लोग लगातार उनको ढांढस बंधा रहे थे कि कुलदीप मलिक देश के काम आया है और आतंकवादियों से लोहा लेते हुए बलिदान हुआ है, यह हमारे लिए गर्व की बात है।
[ad_2]
Jind: सैन्य सम्मान के साथ हुआ बलिदान कुलदीप मलिक का अंतिम संस्कार, हजारों नम आंखों ने दी श्रद्धांजली