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इन पंक्तियों से सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद धर्मशाला में समिति द्वारा करवाए जा रहे हरियाणवी सांग के समापन पर प्रसिद्ध सांगी पंडित विष्णुदत्त ने सोमवार को विष्णु दत्त ने फूल सिंह और नौटंकी का किस्सा सुनाया।
सांग के समापन अवसर के मुख्य अतिथि समाजसेवी दिनेश कौशिक और विशिष्ट अतिथि के ें नगर परिषद के उप प्रधान पाले राम शर्मा उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि दिनेश कौशिक ने सांग के कलाकारों को सम्मानित करते आयोजकों से कहा कि अगले साल भी इसी जगह सांग को आयोजित करने का आह्वान किया और कहा कि प्राचीन संस्कृति को संजोकर रखने में कलाकारों का अहम योगदान है। सोमवार को कलाकारों ने फूल सिंह और नौटंकी के किस्से का वर्णन कर दर्शकों का मन मोह लिया। कौशिक ने अपनी तरफ से एक लाख इक्यावन हजार रुपये धर्मशाला समति को सहयोग दिया।
प्रवक्ता सतीश शर्मा ने बताया कि सांग में सुरेंद्र भारद्वाज, वाईस चेयरमैन पाले राम शर्मा, श्रवण कौशिक, कर्मबीर दलाल रणजीत दहिया, टीनू शर्मा, सुमित, अमित अत्री, विपिन गुप्ता, संजय गुप्ता, डा. जसवन्त आर्य, पवन वत्स, रमेश, पवन दीक्षित मोहन पाराशर और अनिल बौंद का सहयोग दिया। इस अवसर पर प्रधान मंजीत पाराशर, उप प्रधान बिजेन्द्र, सचिव हरिओम मकड़ोली, सचिव सन्दीप पाराशर, कोषाध्यक्ष रमेश शर्मा, पार्षद अशोक शर्मा, पार्षद हरिमोहन धाकरे, पार्षद प्रवीण कुमार, पार्षद पवन रोहिल्ला, राजबीर कौशिक, डॉ. महेन्द्र शर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज, कमकंवार सैनी, बिल्लू पंडित सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।। सांग की कहानी के अनुसार फूल सिंह अपने मित्र कुंदनलाल सेठ से मिलता हुआ एक बाग में पहुंचता है और वहां की मालिन से पता चलता है कि यह बाग मुल्तान शहर की रहने वाली नौंटकी का है तो मालिन से अर्ज करता है और मालिन उसे औरत के भेष में नौंटकी से मिला देती है, लेकिन नौंटकी फूल सिंह को पहचान लेती है यह कोई मर्द है उसे दानव को भेंट में दे देती है। राजा करण सिंह की शर्त थी जो कोई इन्सान दानव को मार देगा उसकी शादी नौटकीं से करा देगा। फूल सिंह दानव को मार देता है और उसकी शादी नौटंकी के साथ हो जाती है।
इन पंक्तियों से सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद धर्मशाला में समिति द्वारा करवाए जा रहे हरियाणवी सांग के समापन पर प्रसिद्ध सांगी पंडित विष्णुदत्त ने सोमवार को विष्णु दत्त ने फूल सिंह और नौटंकी का किस्सा सुनाया।
सांग के समापन अवसर के मुख्य अतिथि समाजसेवी दिनेश कौशिक और विशिष्ट अतिथि के ें नगर परिषद के उप प्रधान पाले राम शर्मा उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि दिनेश कौशिक ने सांग के कलाकारों को सम्मानित करते आयोजकों से कहा कि अगले साल भी इसी जगह सांग को आयोजित करने का आह्वान किया और कहा कि प्राचीन संस्कृति को संजोकर रखने में कलाकारों का अहम योगदान है। सोमवार को कलाकारों ने फूल सिंह और नौटंकी के किस्से का वर्णन कर दर्शकों का मन मोह लिया। कौशिक ने अपनी तरफ से एक लाख इक्यावन हजार रुपये धर्मशाला समति को सहयोग दिया।
प्रवक्ता सतीश शर्मा ने बताया कि सांग में सुरेंद्र भारद्वाज, वाईस चेयरमैन पाले राम शर्मा, श्रवण कौशिक, कर्मबीर दलाल रणजीत दहिया, टीनू शर्मा, सुमित, अमित अत्री, विपिन गुप्ता, संजय गुप्ता, डा. जसवन्त आर्य, पवन वत्स, रमेश, पवन दीक्षित मोहन पाराशर और अनिल बौंद का सहयोग दिया। इस अवसर पर प्रधान मंजीत पाराशर, उप प्रधान बिजेन्द्र, सचिव हरिओम मकड़ोली, सचिव सन्दीप पाराशर, कोषाध्यक्ष रमेश शर्मा, पार्षद अशोक शर्मा, पार्षद हरिमोहन धाकरे, पार्षद प्रवीण कुमार, पार्षद पवन रोहिल्ला, राजबीर कौशिक, डॉ. महेन्द्र शर्मा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज, कमकंवार सैनी, बिल्लू पंडित सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।। सांग की कहानी के अनुसार फूल सिंह अपने मित्र कुंदनलाल सेठ से मिलता हुआ एक बाग में पहुंचता है और वहां की मालिन से पता चलता है कि यह बाग मुल्तान शहर की रहने वाली नौंटकी का है तो मालिन से अर्ज करता है और मालिन उसे औरत के भेष में नौंटकी से मिला देती है, लेकिन नौंटकी फूल सिंह को पहचान लेती है यह कोई मर्द है उसे दानव को भेंट में दे देती है। राजा करण सिंह की शर्त थी जो कोई इन्सान दानव को मार देगा उसकी शादी नौटकीं से करा देगा। फूल सिंह दानव को मार देता है और उसकी शादी नौटंकी के साथ हो जाती है।
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