पंजाब के 19.38 फीसदी लोगों ने अपना घर, जमीन, कार व ट्रैक्टर बेचकर अपने बच्चों को विदेश भेजा है, जबकि 56 फीसदी लोगों ने विदेश जाने के चक्कर में अपने सिर पर कर्ज चढ़ा लिया है। प्रदेश के चार जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, शहीद भगत सिंह नगर और फिरोजपुर से सबसे अधिक 30 फीसदी लोग विदेश का रुख कर रहे हैं। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के प्रोफेसरों व अर्थशास्त्रियों की अध्ययन रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। सख्त इमिग्रेशन नियमों के चलते अमेरिका जाने के लिए लोग डंकी रूट का सहारा ले रहे हैं। इस कारण बड़ी संख्या में लोग ट्रैवल एजेंसियों की ठगी का शिकार भी हो रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ समय से पंजाब के लोगों में विदेश जाकर बसने का चलन बढ़ा है। प्रदेश के करीब 13.34 फीसदी ग्रामीण परिवारों में से कम से कम एक सदस्य पलायन कर गया है। इन लोगों ने विदेश जाने के लिए अपनी जमीन, घर, सोना, कार और ट्रैक्टर तक बेच दिया है। इसकी औसत कीमत प्रति परिवार 1.23 लाख रुपये है, जो पूरे राज्य में 5,639 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वहीं, जिन परिवारों ने अपने बच्चों को विदेश भेजने के लिए पैसे कर्ज लिए हैं, उसमें औसत राशि 3.13 लाख रुपये प्रति परिवार है। राज्य स्तर पर विदेश जाने के लिए लगभग 14,342 करोड़ रुपये कर्ज लिया गया है।
बेरोजगारी, भ्रष्ट व्यवस्था और कम आय को माना कारण
रिपोर्ट के अनुसार, कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए निवेश की तत्काल आवश्यकता है, ताकि जो युवा बाहर जा रहे हैं, उनको प्रदेश में ही नौकरी मिल सके। यह राज्य के सशक्त हस्तक्षेप से ही संभव हो सकता है। साथ ही आर्थिक रूप से सुस्त कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित करने की भी आवश्यकता है, क्योंकि प्रदेश के लोग अपने मूल व्यवसाय को छोड़ रहे हैं। तीन चौथाई परिवारों ने बताया कि विदेश जाने का प्रमुख कारण बेरोजगारी, भ्रष्ट व्यवस्था और कम आय है।
2016 के बाद से प्रवासन में वृद्धि, 52% लोग अकेलेपन के शिकार
टीम ने 22 जिलों के 44 गांवों के अंदर यह अध्ययन किया है। इसमें कुल 640 प्रवासियों और 660 गैर-प्रवासी परिवारों से बातचीत की गई। यह अनुमान लगाया गया है कि 2016 के बाद से प्रवासन में भारी वृद्धि देखी गई, जो 1990 से लेकर अब तक कुल प्रवासन का 74 फीसदी है।
nसंपत्ति की बिक्री व कर्ज के बोझ के साथ ही प्रवासन के कारण 52 फीसदी लोग अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। 41 फीसदी बुजुर्गों की उपेक्षा की हो रही है और 30 फीसदी लोगों ने खेती और अपने पैतृक व्यवसाय को छोड़ दिया है।
42 फीसदी लोग कनाडा और तीन फीसदी जा रहे अमेरिका
विदेश जाने के लिए पंजाबियों की सबसे पसंदीदा जगह कनाडा है, जबकि 3 फीसदी लोग अमेरिका जा रहे हैं। इसी तरह दुबई 16 फीसदी, ऑस्ट्रेलिया 10 फीसदी, इटली 6 फीसदी और यूके 3 फीसदी लोग जा रहे हैं।
वर्क वीजा पर यूएई, तो स्टडी वीजा पर कनाडा
पंजाब कृषि विवि की प्रोफेसर डॉ. शालिनी शर्मा के मुताबिक, पंजाब में पिछले कुछ वर्षों से विदेश में जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है। अध्ययन में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। लोग अपना घर व जमीन बेचकर विदेश जा रहे हैं। साथ ही कर्ज भी बढ़ता जा रहा है। पंजाब के दोआबा क्षेत्र के बिना जमीन वाले वर्क वीजा पर यूएई जा रहे हैं, जबकि माझा और मालवा क्षेत्र के जट्ट सिख स्टडी वीजा पर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया अधिक जा रहे हैं।
दूसरी बार में डिपोर्ट 33 लोगों के लिए भी लागू होंगे एसआईटी के निर्देश
अमेरिका से दूसरी बार में डिपोर्ट किए गए 33 लोगों के लिए भी एसआईटी के निर्देश लागू रहेंगे। इसके तहत जिला पुलिस सभी के घर जाकर उनकी शिकायत दर्ज करेगी। जिन ट्रैवल एजेंट और बिचौलियों ने युवाओं को डंकी रूट से अमेरिका भेजा था, उनको जिला पुलिस गिरफ्तार करेगी। पहली बार में अमेरिका से निर्वासित 34 लोगों में मात्र 8 ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जबकि 26 ने शिकायत देने से मना कर दिया। एसआईटी जिला पुलिस की कार्रवाई पर नजर रखने के साथ सरकार को रिपोर्ट देगी।