भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष के बाद 10 मई की शाम पांच बजे संघर्ष विराम लागू हो गया है। हालांकि शनिवार रात को पाकिस्तान की तरफ से फिर से युद्ध विराम का उल्लंघन कर फायरिंग और ड्रोन हमले भी किए गए। अब यह युद्ध विराम कितना सफल होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। वहीं भारतीय वायुसेना की तरफ से भी कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर जारी रहेगा।
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इन सबके बीच चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी का युद्ध विराम को लेकर बयान सामने आया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अमेरिका द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए समझौते को अमेरिका द्वारा मध्यस्थता से युद्ध विराम कहे जाने पर सवाल उठाए हैं। तिवारी ने चिंता जाहिर करते हुए इसे भारत की संप्रभुता से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताते हुए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
#WATCH | Chandigarh | “The reality is that since 1990, whenever there has been any tension between India and Pakistan, there has been external intervention. It’s a hard truth, and you cannot hide. The way Marco Rubio announced the ceasefire, and also that a wide range of… pic.twitter.com/eaRu4adM8N
मनीष तिवारी ने कहा कि हकीकत यह है कि 1990 के बाद जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच कोई तनाव रहा है, तो उसमें बाहरी हस्तक्षेप रहा है। यह एक कठोर सच्चाई है जिसे नकारा नहीं जा सकता। जिस तरह से मार्को रुबियो ने संघर्षविराम की घोषणा की और यह कहा कि आगे की चर्चा किसी तटस्थ स्थान पर होगी, उससे स्थिति स्पष्ट हो जाती है कि मामला गंभीर है।
मनीष तिवारी ने कहा कि इस संदर्भ में देश को भरोसे में लेने की जरूरत है और इसके लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना अनिवार्य है। तिवारी का बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका की ओर से भारत-पाक समझौते को यूएस ब्रोकड कहे जाने पर राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है।