[ad_1]
हिसार। 57 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज तक मिल गेट स्थित राजकीय प्राइमरी स्कूल में बिजली की स्थायी फिटिंग नहीं हो पाई है। आलम यह है कि मानसून सत्र में हर बार की तरह इस बार भी स्कूल में आए दिन शार्ट-सर्किट की घटनाएं होने से विद्यार्थियों की जान पर खतरा बना रहता है। हैरत की बात है कि शिक्षा विभाग के पास इस स्कूल में बिजली की स्थायी फिटिंग करवाने के लिए 14 से 15 हजार रुपये का बजट तक नहीं है, जिस कारण बजट के अभाव में इस स्कूल में बिजली की स्थायी फिटिंग तक नहीं हो पाई है। यहीं नहीं, बीते डेढ़ माह से इस स्कूल में पढ़ रहे 197 विद्यार्थियों को दूषित पानी से भी जूझना पड़ रहा है। मजबूरन, विद्यार्थी घर से थर्मस भरकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
बीते 6 दिन पहले डीईओ ने हाईकोर्ट में दिया था हल्फनामा
बीते 6 दिन पहले हिसार डीईओ प्रदीप सिंह नरवाल ने हाईकोर्ट में हल्फनामा दिया था कि जिले के सभी सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें पानी, रैंप, शौचालय व बिजली शामिल है। उपरोक्त स्कूल का नाम भी शिक्षा निदेशालय की सूची में था, जिसमें उपरोक्त चारों मानक उपलब्ध करवाने थे, लेकिन हाईकोर्ट में हल्फनामा देने के बावजूद उपरोक्त स्कूल में न तो बिजली की स्थाई फिटिंग हो पाई और न ही पानी की व्यवस्था हो पाई।
हेड टीचर बोले, जुगाड़ कर स्कूल में बिजली सप्लाई उपलब्ध करवाई जा रही
राजकीय प्राइमरी स्कूल के हेड टीचर ने बताया कि स्कूल में स्थायी फिटिंग न होने से स्कूल में जुगाड़ कर बिजली सप्लाई की जा रही है। इन कामों पर अभी तक उनकी जेब से 70 हजार से अधिक रुपये खर्च किए जा चुके हैं। हेड टीचर ने बताया कि बजट उपलब्ध करवाने से लेकर समस्या के बारे में कई बार उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन आज तक समस्या ज्यों की त्यों है।
ये है स्कूल की स्थिति
– कुल लड़के – 94
– कुल लड़कियां – 103
– कुल टीचर – 5
– हेड टीचर – 1
– मिड डे मील वर्कर – 3
– पार्ट टाइम वर्कर – 1
– कुल कक्षा – 5
दूषित पानी की समस्या से जूझ रहे विद्यार्थी
बीते डेढ़ माह से उपरोक्त स्कूल में पढ़ रहे 197 विद्यार्थी दूषित पानी की समस्या से जूझ रहे है। जिस कारण विद्यार्थी घर से थरमस में पीने का पानी भरकर ला रहे हैं। शिक्षकों ने बताया कि इस बारे में जनस्वास्थ्य विभाग के जेई से बार-बार संपर्क कर चुके हैं लेकिन समस्या जस की तस है।
स्कूल में बिजली की स्थायी फिटिंग करवाने को लेकर उच्च अधिकारियों को बार-बार पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन कई सालों से समस्या ज्यों की त्यों है। खासतौर पर मानसून में स्कूल में शार्ट-सर्किट की घटनाएं होती हैं, मैं खुद अपनी जेब से पैसे खर्च कर जुगाड़ कर बिजली के तार की फिटिंग करवाई है। अब तो स्कूल में दूषित पानी की समस्या भी है। – वेदपाल, हेड टीचर, मिल गेट स्थित राजकीय प्राइमरी स्कूल, हिसार
[ad_2]
Hisar News: 57 साल बीते, मिल गेट स्थित सरकारी स्कूल में नहीं हो पाई बिजली की स्थायी फिटिंग, हो रहे शार्ट-सर्किट