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माधव बावा
हांसी। ऐतिहासिक नगर हांसी हमेशा ही प्रदेश की सत्ता के साथ चला है। वर्ष 1968 से 2024 तक 56 वर्षों में 12 विधायक बने। इनमें से 51 वर्षों तक हांसी की सत्ता में भागीदारी रही। सात विधायक सीधे सत्ता पक्ष के रहे, वहीं पांच विधायक निर्दलीय या फिर दूसरे दलों से बने। ये भी चुनाव जीतने के बाद सत्ता पार्टी से जुड़ गए। केवल 2014 से 2019 तक का कार्यकाल ऐसा रहा जब हांसी का प्रतिनिधि विपक्ष में रहा।
वर्ष 1968 में कांग्रेस से हरिसिंह सैनी विधायक बने। उस समय प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार थी। इसके बाद वर्ष 1972 में ईश्वर सिंह सैनी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते। उस समय भी कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी और सैनी ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया। वर्ष 1977 में जनता पार्टी से बलदेव तायल विधायक बने। तब जनता पार्टी की ही सरकार थी। वर्ष 1982 में लोकदल से अमीर चंद मक्कड़ विधायक बने। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। वर्ष 1987 में भाजपा से पीके चौधरी विधायक बने। यह पहला मौका था जब हांसी से भाजपा का विधायक बना। उस समय प्रदेश में लोकदल व भाजपा के गठबंधन की सरकार थी। वर्ष 1991 में अमीर चंद मक्कड़ निर्दलीय चुनाव लड़ कर दूसरी बार विधायक बने और फिर से भजन लाल की कांग्रेस सरकार में शामिल हुए।
इसी तरह 1996 में बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी से अतर सिंह सैनी विधायक बने। उन्हें बिजली, लोकजनसंपर्क, सिंचाई, टूरिज्म सहित करीब 7 मंत्रालय दिए गए। वर्ष 2000 में इनेलो से सुभाष गोयल चुनाव जीते और निकाय मंत्री बने। 2005 में कांग्रेस से अमीर चंद मक्कड़ तीसरी बार विधायक बने। तब प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की ही सरकार बनी। वर्ष 2009 में हजकां से विनोद भयाना विधायक बने और बाद में हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए। 2014 में हजकां से रेणुका बिश्नोई विधायक बनी। तब प्रदेश में भाजपा सरकार थी। केवल इस कार्यकाल में ही हलका सत्ता पक्ष के साथ नहीं रहा। 2019 में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में भाजपा से विनोद भयाना ने चुनाव लड़ा व दूसरी बार विधायक बने।
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Hisar News: 56 वर्षों के इतिहास में हांसी ने 51 वर्ष सत्ता के साथ मिलाई कदमताल