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हिसार में सरदार बाज सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी जगदीश सिंह।
हिसार। गांव बीड़ बबरान गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरदार बाज सिंह का 104 वर्ष की आयु में गणतंत्र दिवस के दिन निधन हो गया। सोमवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी जगदीश सिंह ने पुष्पमाला अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। एसआई नसीब खान के नेतृत्व में पुलिस दल ने बंदूकों की सलामी देकर उनका सम्मान किया।
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सरदार बाज सिंह के बेटे कुलबीर सोहल ने बताया कि उनकी तबीयत चार दिन पहले खराब हुई थी। इस दौरान उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद रविवार को उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई। इलाज के लिए दोबारा अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
अंग्रेजों के जमींदारों पर लगाए टैक्स का किया था विरोध
सरदार बाज सिंह का जन्म पंजाब के अमृतसर जिले के सोहल गांव में हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्होंने अंग्रेजों द्वारा जमींदारों पर लगाए गए एक रुपये प्रति एकड़ के अन्यायपूर्ण टैक्स का विरोध किया। इस आंदोलन के तहत उन्होंने लाहौर पाकिस्तान में प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को मनवाने में सफलता पाई। उनके प्रयासों के कारण अंग्रेजों को टैक्स रद्द करना पड़ा था।
सरदार बाज सिंह के पिता खेम सिंह भी स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका पूरा परिवार देश की आजादी के लिए संघर्षरत रहा। आजादी के बाद संयुक्त पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने सरदार बाज सिंह को उनकी सेवाओं के लिए हिसार जिले के बीड़ बबरान गांव में 12 एकड़ भूमि प्रदान की थी। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी, उकलाना के विधायक नरेश सेलवाल, सिंचाई विभाग के एसई सुनील कुमार, ग्राम सचिव सत्य कुमार, एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल आदि मौजूद रहे।
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Hisar News: 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी सरदार बाजसिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार