हांसी। शहर की सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए नगर परिषद हांसी की एक बड़ी योजना को सरकार से मंजूरी मिल गई है। योजना के तहत अब शहर के लगभग 20,600 घरों और सात हजार व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से नियमित रूप से कचरा उठाया जाएगा। यह कार्य सात वर्षों के लिए एक निजी एजेंसी को सौंपा जाएगा, जिस पर 21.86 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
योजना के अनुसार एजेंसी को 27 वार्डों में कचरा संग्रहण के लिए 30 इलेक्ट्रिक टिप्पर वाहन खरीदने होंगे, जिनका संचालन भी वही करेगी। सात साल बाद ये टिप्पर नगर परिषद को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे।
घरों व दुकानों के बाहर लगेंगे क्यूआर कोड
हर घर, दुकान और होटल के बाहर क्यूआर कोड लगाया जाएगा, जिसे कचरा संग्रहण के समय स्कैन करना अनिवार्य होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कचरा हर स्थान से समय पर उठाया जा रहा है या नहीं। पूरी प्रक्रिया नगर परिषद के नियंत्रण केंद्र से जुड़ी होगी, जो परिषद की सफाई शाखा में स्थापित किया जाएगा।
ऑनलाइन हाजिरी और डिजिटल शिकायत व्यवस्था
इस योजना में शामिल सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज होगी, जिसे एजेंसी द्वारा विकसित किया जाएगा। वहीं, यदि किसी क्षेत्र से कचरा नहीं उठाया गया तो आमजन उस स्थान पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर सीधी शिकायत नियंत्रण केंद्र को भेज सकेंगे। सिस्टम से जुड़े डाटा के आधार पर तुरंत जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
पुराने टिप्पर हैं खराब
नगर परिषद ने करीब पांच साल पहले घरों से कचरा उठाने के लिए 27 टिप्पर तैनात किए थे, लेकिन अब अधिकतर वाहन खराब हो चुके हैं। बार-बार टिप्पर खराब होने से कचरा उठान का काम प्रभावित होता है और लोग मजबूरी में सड़क किनारे कचरा फेंकने लगते हैं।
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सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए घरों से कचरा उठान की सात वर्ष के लिए एक नई योजना बनाई थी। जिसकी सरकार से अनुमति मिल गई है। इसकी टेंडर प्रक्रिया शुरु जल्द ही शुरू करवाएंगे। शहर में सफाई व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। – विनोद भयाना, विधायक