चरखी दादरी। वर्ष 2024 में दादरी शहर के अंदर विकास की गति धीमी रही। सालभर में नगर परिषद अधिकारी करीब 5 करोड़ के ही विकास कार्य करवा पाए और इनमें ट्रैफिक लाइट्स लगवाना मुख्य काम रहा। अब वर्ष 2025 में शहरी विकास का पहिया तेज घूमने की उम्मीद है। इससे करीब 80,000 की आबादी लाभान्वित होगी। अधिकारियों को तत्परता से शहर की जर्जर सड़कों की सुध लेने की जरूरत है।
शहरी विकास का खाका खींचने की जिम्मेदारी नगर परिषद के कंधों पर है। वर्ष 2024 में नगर परिषद की ओर से दादरी में विकास कार्य तो करवाए गए, लेकिन, उम्मीदों से कम। इसका खामियाजा शहरवासी भुगत रहे हैं। हालांकि, चार नए बस क्यू शेल्टर और ट्रैफिक लाइट की सौगात देने के साथ नगर परिषद की ओर से करीब 35 गलियां भी बनाई गईं, लेकिन, लोगों की मांग व आवश्यकता अनुसार ये विकास कार्य नाकाफी हैं। वहीं, कुछ ऐसे शहरी परियोजनाएं हैं, जिनका खाका तो तैयार किया गया, लेकिन, अधिकारी इन्हें धरातल पर पूरा नहीं करवा पाए।
इनमें सबसे अहम 11 कॉलोनियों को वैध कराना रहा। इनकी फाइल पिछले करीब 10 माह से मुख्यालय अटकी हुई है। वहीं, इन कॉलोनियों में रहने वाले करीब 10,000 लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं और वो कॉलोनियों के वैध होने की बाट जोह रहे हैं। ये कॉलोनियां वैध होने के बाद ही नगर परिषद अधिकारी यहां के विकास कार्याें का प्रारूप तैयार कर सकेंगे।
इसके अलावा शहर में कम्युनिटी सेंटर की कमी अब भी लोगों को खल रही है। वहीं, मुख्य रोजगार्डन समेत ज्यादातर पार्क बदहाल हैं। इनके जीर्णोद्धार की परियोजना तैयार होने के बावजूद मुख्यालय से स्वीकृति न मिलने के चलते अधिकारी धरातल पर काम शुरू नहीं करवा पा रहे हैं।
– 14 माह पहले वैध हुईं कॉलोनियों में एक-एक गली बनाने तक सिमटा विकास
करीब 14 माह पहले शहर की चार कॉलोनियां वैध की गई थीं। इनमें लोहारू रोड एक्सटेंशन, हरि नगर एक्स्टेंशन, प्रोफेसर कॉलोनी एक्सटेंशन और पूर्ण नगर एक्सटेंशन शामिल हैं। इन चार कॉलोनियों में विकास के नाम पर अब तक एक-एक गली बन पाई है। यहां सीवर व पेयजल लाइनें डालने के लिए अब दिसंबर में सर्वे हुआ है। इसके अलावा यहां स्ट्रीट लाइटों की भी कमी बनी है।
– सीवर-पेयजल लाइन डलने के इंतजार में भी अटका है शहरी विकास
दरअसल, नगर परिषद अधिकारियों ने शहर में कई विकास कार्य कराने की योजना तैयार कर रखी है। ये योजनाएं सीवर व पेयजल लाइनें डलने के इंतजार में फाइलों तक ही सीमित हैं। नगर परिषद अधिकारी जनस्वास्थ्य विभाग के शहर में सीवर व पेयजल लाइनें डालने का इंतजार करते रहे। अधिकारियों का तर्क है कि अगर गलियां व सड़कें पहले बना देंगे तो जनस्वास्थ्य विभाग लाइनें डालते समय इन्हें क्षतिग्रस्त कर देगा और ऐसे में सरकारी ग्रांट की बर्बादी होगी। इंतजार है कि पहले ये काम हो जाए और उसके बाद ही गलियों व सड़कों का निर्माण कराया जाए।
– अंदरूनी मुख्यमार्ग बदहाल, अधिकारी नहीं रख रहे ख्याल
शहर की अगर बात करें तो बरसाती पानी और सीवर लाइन परियोजना के चलते कई मुख्यमार्ग खोदे गए हैं। इसके चलते सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। मरम्मत के नाम पर खोदाई वाले हिस्से में इंटरलॉक टाइलें बिछाई गईं जबकि आलम यह है कि सड़कों के पुनर्निर्माण की दरकार है। इस समय कोर्ट रोड, लाला लाजपतराय चौक से काठमंडी और पुरानी अनाज मंडी रोड समेत परशुराम चौक से सरदार झाडू सिंह चौक रोड क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा चरखी दरवाजा को लोहारू और महेंद्रगढ़ चौक रोड से जोड़ने वाली मुख्य सड़क भी लंबे समय से जर्जर है।
वर्ष 2024 में शहर में ट्रैफिक लाइट्स लगाई गईं जबकि नए बस क्यू शेल्टर भी बनाए गए। सीवर-पेयजल परियोजना पूरी होने के इंतजार में विकास की गति थोड़ी धीमी रही, लेकिन, नववर्ष में कई विकास परियोजनाएं सिरे चढ़ाकर शहरवासियों को सहूलियतें दी जाएंगी। नगर परिषद शहरी विकास को लेकर गंभीर है। बजट की कोई कमी नहीं है। -बक्शीराम सैनी, चेयरमैन, दादरी नगर परिषद, चरखी दादरी।
भमोरा। फाईल फोटो अंजली– फोटो : mathura