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Hisar News: रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे युवकों के परिजनों का जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, बोले- सरकार से हमारी बस यही मांग, हमारे बच्चों को सुरक्षित वापस लाया जाए Latest Haryana News

Hisar News: रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे युवकों के परिजनों का जंतर-मंतर पर प्रदर्शन, बोले- सरकार से हमारी बस यही मांग, हमारे बच्चों को सुरक्षित वापस लाया जाए  Latest Haryana News

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बास। धोखे से रूस की सेना में भर्ती कर यूक्रेन युद्ध में भेजे गए युवाओं के परिजनों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया। परिजनों ने केंद्र सरकार से विदेश में फंसे युवकों की सुरक्षित और त्वरित वापसी की मांग की।

परिजनों के अनुसार, देशभर में कुल 55 और हरियाणा में छह युवक रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे हैं। हरियाणा में फतेहाबाद के दो, कैथल, हिसार, रोहतक और जींद के एक-एक युवक शामिल हैं। इनमें हिसार जिले के गांव मदनहेड़ी के अमन का मामला सबसे अधिक चर्चा में है, क्योंकि इसी गांव के सोनू की मौत हो चुकी है। मदनहेड़ी निवासी अमन की मां, सुमन देवी ने बताया कि उनका बेटा 2024 में स्टडी वीजा पर रूस गया था, लेकिन वहां एजेंटों ने उसे धोखे से रूस की सेना में भर्ती करा दिया और यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भेज दिया। अमन ने आखिरी बार वीडियो में कहा था कि हालात बहुत खराब हैं और मौत कभी भी हो सकती है। इसके बाद से परिवार का उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। सुमन देवी ने रोते हुए कहा कि सरकार से हमारी बस यही मांग है कि मेरे बेटे को सुरक्षित वापस लाया जाए।

फतेहाबाद के कुम्हारिया गांव के दो युवक, अंकित जांगड़ा और विजय पूनिया भी रूस में फंसे हैं। अंकित फरवरी में स्टडी वीजा पर गया था और रेस्टोरेंट में काम करता था। विजय पूनिया जुलाई में बिजनेस वीजा पर रूस गया था, लेकिन उसे एक रूसी महिला ने कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी का झांसा देकर सेना में भर्ती करा दिया। दोनों को 20 अगस्त को यूक्रेन भेज दिया गया, तब से परिवार का उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

परिवारों का कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाई और बेहतर भविष्य के लिए विदेश भेजा था, लेकिन एजेंटों ने धोखे से उन्हें युद्ध के जोखिम में डाल दिया। अब उनकी मांग है कि सरकार उनके बेटों को सुरक्षित भारत वापस लाए। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जयभगवान ने बताया कि उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के पीए विद्युत नाथ पांडे से मुलाकात की। पांडे ने आश्वासन दिया कि विदेश मंत्री रूस दौरे पर जाकर भारतीय युवकों की सुरक्षित वापसी का मुद्दा रूसी सरकार के सामने रखेंगे। जयभगवान ने कहा कि सभी प्रभावित परिवारों ने फैसला किया है कि वे अगले 10 दिन तक सरकार के कदमों का इंतजार करेंगे। यदि इस बीच कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो तेज आंदोलन करेंगे।

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