हिसार। पति दीपक हुड्डा से विवाद के बीच रविवार शाम अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर स्वीटी बूरा आपबीती बताते हुए फफक पड़ीं। मीडिया से बातचीत में दीपक पर संगीन आरोप लगाने के साथ ही पुलिस को भी कटघरे में खड़ा किया। स्वीटी ने कहा, पुलिस दबाव में कार्रवाई कर रही है। दीपक ने मेरे खिलाफ दर्ज करवाई एफआईआर में पापा व मामा का नाम भी लिखवाया है, जबकि सीसीटीवी फुटेज में दोनों ही नहीं है। उसने झूठी एफआईआर करवाई और मेडिकल करवाया।
स्वीटी ने अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में कहा, हमारे देश में क्या चल रहा है। मेरे जैसी लड़की के साथ कुछ लोग मिलकर अन्याय कर रहे हैं। मेरी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से गुहार है कि मुझे न्याय दिलाएं। मैं सीएम साहब से मिली थी, तब उन्होंने कहा था कि 28 मार्च तक बजट सत्र चल रहा है। मैं इस बारे में बोलूंगा। अब पुलिस मुझे टॉचर्र कर रही है। मेरे परिवार को झूठे केस में फंसाकर घंटों थाने में बैठाया जा रहा है। मेरे से झूठे केस में पूछताछ हो रही है, जबकि यह एफआईआर ही नहीं होनी चाहिए थी। मैं जमानत पर बाहर हूं। मेरा डेढ़ माह पुराना केस है, जिसमें दीपक आरोपी है। उससे कोई पूछताछ नहीं हो रही। वह खुलेआम बाहर घूम रहा है।
स्वीटी बूरा ने कहा कि मुझे कुछ हो जाता है या मैं मर जाती हूं तो इसके जिम्मेदार दीपक हुड्डा व हिसार के एसपी होंगे, क्योंकि डेढ़ माह पहले ही एसपी को लिखित में दे दिया था कि मुझे इस इंसान से कुछ नहीं चाहिए, सिर्फ तलाक चाहिए। कुछ लोग व हिसार-रोहतक प्रशासन के उच्चाधिकारी यह चाहते हैं कि मैं डिप्रेशन में चली जाऊं। फिर मुझे व दीपक को आमने-सामने बैठाया जाए। मुझे अटैक आए। मुझ पर और झूठे केस बनाए जाए और मैं दबाव में आकर दीपक को तलाक न दूं।
शादी से पहले ही रंग दिखाना शुरू कर दिया था
स्वीटी बूरा ने कहा, दीपक और उनके परिवार ने शादी से पहले ही रंग दिखाने शुरू कर दिए थे। दहेज में मर्सिडीज मांगी। शादी के बाद चलती गाड़ी में मुझे पीटा और गला दबाया। उससे तंग आकर वह दो बार आत्महत्या का प्रयास भी कर चुकी है।
केस सिविल थाने में ट्रांसफर किया
स्वीटी ने कहा, मेरे केस की जांच पूरी हो चुकी है। केस को महिला थाने से सिविल थाने में ट्रांसफर कर दिया गया। यह बात मुझे मीडिया के माध्यम से पता चली है। पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी। इस केस को लंबा खींचा जा रहा है, ताकि मैं दबाव में आऊं। स्वीटी ने कहा कि इसमें मेरी क्या गलती है। मेरी गलती है कि मैं एक लड़की हूं। मैंने अपनी पीड़ा को दुनिया के आगे नहीं बताया। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं सामान्य हूं। मैं बहुत दुखी हूं। मैंने उस आदमी पर अंधा विश्वास किया। उससे कहा था कि कोई तेरे साथ हो न हो, लेकिन मैं जरूर हूंगी। मैंने उसे इंसान को कहां से कहां पहुंचाया और वह वह मुझे ऐसा सिला दे रहा है, क्या मेरी यह गलती है। मैं चाहती हूं दीपक हुड्डा से मुझे तलाक दिलवाया जाए। मुझे उससे एक पैसा नहीं चाहिए। वह मुझ पर तलाक न देने का दबाव बना रहा है।