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हिसार। सरकार से बकाया राशि का भुगतान न होने पर निजी अस्पतालों की तरफ से आयुष्मान कार्डधारकों का उपचार नहीं किया जा रहा है और उनसे नकद पैसे मांगे जा रहे हैं। रविवार को कई कार्डधारक मरीज निजी अस्पतालों में इपचार करवाने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें बिना उपचार के ही लौटना पड़ा। हालांकि रविवार को निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बंद थी, लेकिन कुछ मरीज निजी अस्पतालों में इमरजेंसी में उपचार के लिए पहुंचे थे। उधर, चिकित्सक संगठन की मानें तो जिले के विभिन्न अस्पतालों का 100 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। सरकार की तरफ से बकाया राशि नहीं दी जा रही। जब तक प्रदेश में बनने वाली नई सरकार बकाया राशि का भुगतान नहीं करती, तब तक आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का उपचार बंद रहेगा। गौरतलब है कि आयुष्मान योजना के तहत कार्डधारकों का पांच लाख रुपये तक इलाज निजी अस्पतालों में मुफ्त होता है।
जानकारी के अनुसार जिले के 79 निजी अस्पताल हैं जो आयुष्मान भारत योजना के पैनल में आते हैं। इनमें नर्सिंग व होम अस्पताल दोनों शामिल हैं। शनिवार रात 12 बजे से सभी अस्पतालों में आयुष्मान कार्डधारकों का उपचार के लिए मना कर दिया था। रविवार सुबह कई निजी अस्पतालों में मरीज आयुष्मान योजना के तहत उपचार करवाने के लिए आए। यहां उन्हें जवाब मिला कि आयुष्मान योजना के तहत उपचार अनिश्चितकालीन समय तक बंद है। अगर उपचार करवाना है तो नकद राशि जमा करानी होगी। ऐसे में मरीज व तीमारदार लौट गए।
उपचार शुरू होने में लगेगा समय
5 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव हुए हैं। 8 अक्तूबर को चुनाव परिणाम आएंगे। उसके बाद प्रदेश में नई सरकार का गठन होगा और मंत्रालय सौंपे जांएगे। उसके बाद एसोसिएशन ही नए स्वास्थ्य मंत्री से बातचीत कर सकेगा। ऐसे में काफी समय लगेगा और तब तक उस निजी अस्पतालों में मरीजों को आयुष्मान का लाभ नहीं मिलेगा।
जिले के निजी अस्पतालों का 100 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है। पूर्व सरकार से इस बारे में कई बार बातचीत हुई थी, लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ी। अब जब तक बकाया राशि को जमा नहीं करवाया जाता तब तक निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का उपचार नहीं होगा। चाहे कितना भी समय क्यों न लग जाए।
-डॉ. कमल किशोर, कोषाध्यक्ष, नर्सिंग होम एसोसिएशन
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Hisar News: निजी अस्पतालों में मरीजों को नहीं मिला आयुष्मान का लाभ, बैरंग लौटे