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सुनील बास फाइल फोटो
हिसार। गरीब वर्ग के विद्यार्थियों के हक के लिए सदा फ्रंटलाइन में खड़े रहने और मिड डे मील की लागत राशि को बढ़वाने वाले शिक्षक सुनील बास ने शनिवार रात करीब 12 बजे आखिरी सांस ली। वे काफी समय से हृदय संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे। उनके निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर है। रविवार सुबह सेक्टर 16-17 स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
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तर्कशील व जोशीले अंदाज के कारण जेबीटी सुनील बास ने राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ में राज्य स्तर पर अनूठी पहचान बनाई। 2004 में सुनील बास ने जेबीटी पद पर कार्यभार संभाला। उन्होंने राज्य संयोजक व इससे पूर्व हिसार जिले के प्रधान व प्रेस प्रवक्ता के पद पर विशेष भूमिका निभाई। ऑल इंडिया अखिल भारतीय प्राथमिक संघ में वे हिसार जिले से एकमात्र सदस्य रहे। वर्ष 2016 से वे गांव खारिया स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में जेबीटी पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। इससे पूर्व उन्होंने हिसार द्वितीय खंड के चार सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दीं। उनका एक बेटा और एक बेटी है।
शिक्षक सुनील बास के अथक प्रयास से विद्यार्थियों को ये मिली सुविधाएं
शिक्षक सुनील बास ने 2022 में मिड डे मील की राशि बढ़ाने के लिए शिक्षा निदेशालय से लड़ाई लड़ी। जिसके बाद निदेशालय ने मिड डे मील की लागत राशि को बढ़ाया। इसके अलावा उन्होंने अनाज मंडी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय को शिफ्ट न होने के लिए दो माह संघर्ष किया और स्कूल को शिफ्ट होने से बचाया। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के लिए व प्रवासी मजदूरों के बच्चों को दाखिले के दौरान दस्तावेजों में आई तकनीकी खामियों के निदान के लिए कार्य किया।
शिक्षा जगत को भारी क्षति : डीईईओ
डीईईओ निर्मल दहिया ने कहा कि हमारे बीच से शिक्षक सुनील बास का चले जाना शिक्षा जगत को भारी क्षति पहुंची है, जिसकी भरपाई कोई नहीं कर सकता है। वे अपने कर्मठ, ईमानदारी, काम के प्रति जुनून व उदार स्वभाव के कारण सभी के चहेते भी थे।
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Hisar News: नहीं रहे शिक्षा जगत के जोशीले व मजबूत स्तंभ सुनील बास