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हिसार। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश परमिंदर कौर की अदालत ने देशद्रोह के मामले में रामपाल को किसी भी प्रकार की राहत न देते हुए वीरवार को जमानत याचिका खारिज कर दी। 22 सितंबर को इस मामले में बहस पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुनाने के लिए 25 सितंबर की तिथि निर्धारित की थी। इस मामले में 777 आरोपी जमानत पर हैं और रामपाल व हाल ही में गिरफ्तार एक आरोपी जेल में बंद है। रामपाल चार आपराधिक मामलों में बरी हो चुका है। हत्या के दो मामलों में कुछ दिन पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सजा निलंबित कर दी थी।
अदालत ने रामपाल की जमानत याचिका खारिज करते हुए टिप्पणी की कि आरोपी की रिहाई से सार्वजनिक व्यवस्था गंभीर रूप से खतरे में पड़ सकती है और न्याय प्रक्रिया बाधित हो सकती है। वर्चुअल पेशी के दौरान के दौरान भी उसके अनुयायियों की बड़ी भीड़ उसकी एक झलक पाने के लिए अदालत परिसर के बाहर जमा हो जाती है। ट्रायल के दौरान देखा गया है कि कई लोगों, यहां तक कि बड़ी संख्या में महिला अधिवक्ताओं ने इस मामले में पेश होने का विशेषाधिकार हासिल करने के लिए वकालतनामा दाखिल करने की कोशिश की है।
सच्चाई यह है कि वर्चुअल सुनवाई के दौरान रामपाल के दर्शन के लिए ऐसा किया गया। ऐसे में अंदाज लगाया जा सकता है कि रामपाल को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो कितनी बड़ी गड़बड़ी होगी। अदालत ने कहा कि रामपाल का पिछला आचरण जिसके कारण मौजूदा प्राथमिकी दर्ज की गई, स्पष्ट रूप से माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की जानबूझकर की गई अवहेलना को दर्शाता है। वह उच्च न्यायालय के गंभीर निर्देशों का सम्मान नहीं कर सकता तो उससे किसी अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के पालन की अपेक्षा करना नासमझी होगी।
क्या था मामला: रोहतक के करौंधा आश्रम के रामपाल समर्थकों व आर्य समाजियों के बीच खूनी संघर्ष में एक युवक की हत्या के आरोप में रोहतक की अदालत में 14 जुलाई, 2014 को हिसार की अदालत से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई होनी थी। इस दिन रामपाल समर्थकों ने हिसार अदालत परिसर में जमकर उत्पात मचाया। इन्होंने न सिर्फ अदालत परिसर को घेर लिया था बल्कि वकीलों के साथ भी मारपीट की। इस पर बार एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करते हुए हाईकोर्ट में अदालत की अवमानना की याचिका दायर की थी। इस मामले में रामपाल दो बार अदालत में पेश नहीं हुआ तो 10 नवंबर और 17 नवंबर, 2014 को उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए। 17 नवंबर को भी पुलिस रामपाल को गिरफ्तार नहीं कर पाई तो हाईकोर्ट ने 20 नवंबर तक का समय दिया। 18 नवंबर को पुलिस जब रामपाल की गिरफ्तारी के लिए बरवाला आश्रम पहुंची तो समर्थकों के साथ झड़प हो गई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े तो रामपाल के कमांडो ने पेट्रोल बम फेंके और गोलियां चलाईं। इस पर पुलिस ने रामपाल व अन्य के खिलाफ देशद्रोह की धारा में मामला दर्ज किया था। इस मामले में रामपाल नवंबर 2014 से जेल में है। रामपाल के वकील महेंद्र सिंह नैन और सचिन दास ने बताया कि जमानत के लिए अगले सप्ताह हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे।
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Hisar News: देशद्रोह केस में रामपाल को झटका, कोर्ट ने कहा- जमानत देने से सार्वजनिक व्यवस्था गंभीर खतरे में पड़ सकती है