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हिसार में समर्थकों को संबोधित करतीं पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल।
हिसार-बरवाला। विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की सूची जारी होते ही टिकट की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। हिसार, बरवाला और उकलाना सीट पर घोषित भाजपा प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर आलाकमान के चिंता बढ़ा दी है।
हिसार में डॉ. कमल गुप्ता को टिकट मिलने के बाद पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल, भाजपा जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन ने चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। निवर्तमान मेयर गौतम सरदाना ने भी अपने घर से भाजपा के झंडे उतार दिए हैं और एक-दो दिन में समर्थकों की बैठक बुलाकर फैसला लेंगे।
महंत दर्शन गिरी ने चुनाव लड़ने का किया एलान
भारतीय जनता पार्टी के जिला सचिव और पार्षद ढाणी गारन से महंत दर्शन गिरी ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। बरवाला से रणबीर गंगवा को प्रत्याशी बनाने की घोषणा होने के बाद उन्होंने निर्दलीय के ताैर पर चुनाव लड़ने का एलान किया। महंत दर्शन गिरी स्वयं टिकट मांग रहे थे और टिकट न मिलने की सूरत में स्थानीय व्यक्ति को टिकट मिलने पर उसका साथ देने की बात कह रहे थे। इससे पहले दर्शन गिरी, रणबीर गंगवा के खिलाफ बरवाला पुलिस स्टेशन में शिकायत दे चुके हैं व भाजपा के जिला सचिव के पद से भी त्यागपत्र प्रदेशाध्यक्ष काे भेज चुके हैं।
कमल गुप्ता डमी नेता और सबसे विफल विधायक : तरुण जैन
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष तरुण जैन ने भी पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। उन्होंने हिसार विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता के सामने चुनाव लड़ने का एलान किया है। मीडिया से बातचीत में जैन ने कहा कि डॉ. कमल गुप्ता हरियाणा के सबसे विफल विधायक हैं, इस चुनाव में वे अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। डॉ. कमल गुप्ता डमी नेता हैं, जिनका न कोई विजन है और न ही समस्याओं के समाधान की इच्छाशक्ति। उन्होंने ने सीवर की समस्या, बारिश के बाद जलभराव को कभी गंभीरता से नहीं लिया। जनता सोशल मीडिया पर विधायक के विकास का खूब मजाक उड़ा रही है।
अनूप धानक के खिलाफ लगाए मुर्दाबाद के नारे
उकलाना मंडी। जननायक जनता पार्टी से आए पूर्व मंत्री एवं विधायक अनूप धानक को उकलाना से भाजपा प्रत्याशी बनाने के बाद कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया। कार्यकर्ताओं ने वीरवार को कुम्हार धर्मशाला में बैठक की। इस दौरान अनूप धानक के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए।
उधर, हलका प्रभारी डॉ. वैभव बिदानी ने कहा कि हमारा प्रत्याशी कमल का फूल है, ना कि कोई व्यक्ति विशेष। हमें कमल को जितवाने के लिए मेहनत करनी है। वहीं, टिकट कटने पर भाजपा नेता सीमा गैबीपुर, जिला कार्यकारिणी सदस्य शमशेर गिल, मंडल सचिव मांगेराम बिश्नोई ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की है। अनूप धानक ने भाजपा के प्रांतीय नेता श्रीनिवास गोयल के आवास पर उनसे मुलाकात की। संवाद
मैं कभी भाजपा की सदस्य नहीं थी, अब फैसला ले लिया है तो पीछे नहीं हटूंगी : सावित्री
हिसार। हिसार से दो बार विधायक रह चुकीं सावित्री जिंदल ने कहा, हिसार की जनता के फैसले के अनुसार वे चुनाव लड़ेंगी। किसी पार्टी से चुनाव लडूंगी या निर्दलीय यह फैसला समर्थकों से बातचीत के बाद लेंगी। डॉ. कमल गुप्ता को फिर से टिकट दिए जाने के बाद उन्होंने कहा, मैं कभी भाजपा की सदस्य नहीं थी, मैंने अपने बेटे नवीन जिंदल के लिए कुरुक्षेत्र में प्रचार किया, हिसार में भी प्रचार किया था। औपचारिक तौर पर पार्टी की सदस्यता नहीं ली। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस कभी नहीं छोड़ी। अगर बिना कोई कागज भेजे इस्तीफा स्वीकार हो गया हो तो मुझे मालूम नहीं।
हिसार में वीरवार को अपने आवास पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे आज कार्यकर्ताओं के बीच चुनाव लड़ने से इन्कार करने आई थीं। कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने चुनाव लड़ने की बात कही तो वे अपने परिवार के लोगों को मना नहीं कर सकीं। उन्होंंने कहा, हिसार में कुछ काम कराने बाकी हैं। ऐसे में वह उन कामों को पूरा करने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगी। यह उनका आखिरी चुनाव होगा। इसके बाद राजनीति से संन्यास ले लेंगी।
पूर्व सीएम हुड्डा बड़ा भाई, उन्होंने ही राजनीति सिखाई
कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि न तो अभी मैंने कांग्रेस से कोई संपर्क किया, न ही कांग्रेस की ओर से कोई फोन आया है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से अच्छे संबंध हैं, वह बड़े भाई है। 2005 में बाबूजी ओपी जिंदल के निधन के बाद उन्होंने ही राजनीति में आगे बढ़ाया। डॉ. कमल गुप्ता को टिकट मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा का फैसला है। गुप्ता यहां दो बार विधायक रहे, उन्होंने टिकट दी है तो अच्छी बात है। नामांकन कब करेंगी के सवाल पर कहा कि अभी कुछ तय नहीं हुआ है। नवीन जिंदल से चुनाव लड़ने को लेकर अभी उनकी कोई बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब पूरे हिसार परिवार ने फैसला ले लिया है तो अब पीछे नहीं हटेंगी। भाजपा की ओर से परिवारवाद के तहत टिकट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि शायद जिताऊ प्रत्याशी देखकर टिकट दिया होगा।
75 पार के नारे में फंसी
2019 का चुनाव न लड़ने के सवाल पर सावित्री जिंदल ने कहा कि पिछली बार 75 पार का नारा चलन में था, तब मुझे लगा कि शायद इस बार चुनाव लड़ना ठीक नहीं रहेगा। इस बार जनता की ओर से बार-बार मांग आ रही थी तो मैदान में आना पड़ा। मिलकर लड़ेंगे तो जीत भी सकते हैं। नवीन जिंदल के प्रचार के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनको अपनी पार्टी के लिए प्रचार करना चाहिए।
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