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नारनौंद। गांव कोथ कलां स्थित दादा काला पीर डेरे में दिवाली का पर्व आस्था और भव्यता के साथ मनाया गया। इस अवसर पर 5001 दीयों की रोशनी से पूरा डेरा जगमगा उठा। विशेष बात यह रही कि यह दीपोत्सव महंत जिताई नाथ योगी के गद्दीसीन होने के बाद पहली दिवाली थी, जिसने इस आयोजन को और भी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक बना दिया।
हरियाणा और पंजाब के सैकड़ों गांवों से श्रद्धालु डेरा परिसर में पहुंचे और दादा काला पीर के दरबार में माथा टेक कर सुख-शांति की कामना की। दीपों की झिलमिल रोशनी, भजन-कीर्तन और भक्तों की श्रद्धा से सराबोर माहौल ने आयोजन को एक दिव्य अनुभव में बदल दिया। भक्तों ने दीयों से दादा काला पीर का नाम लिखकर आस्था का सुंदर उदाहरण पेश किया।
कुछ महीने पहले यह डेरा विवादों में घिर गया था, जब पूर्व महंत शुक्राई नाथ पर आपत्तिजनक कृत्यों के आरोप लगे थे। 2 मार्च की घटना के बाद गांव में आक्रोश फैल गया था और 28 मई को शुक्राई नाथ डेरा छोड़कर चले गए थे। इसके बाद 8 पीरों की सहमति से महंत जिताई नाथ योगी को डेरा की गद्दी सौंपी गई। वर्तमान आयोजन को ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की पुनर्स्थापना के रूप में देखा। कार्यक्रम में सरपंच महा सिंह, सुरेश कोथ, पूर्व सरपंच अमीर, सरजीत, कृष्ण फौजी, उदय सिंह, अनिल संधू, रघबीर पहलवान माैजूद रहे।
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Hisar News: कोथ कलां में दादा काला पीर डेरे को 5001 दीयों से सजाया