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हिसार। अखिल भारतीय किसान सभा की हिसार तहसील कमेटी ने बुधवार को एसडीएम कार्यालय पर तीसरे दिन भी धरना जारी रखते हुए नारेबाजी की। किसानों ने सरकार को दस दिन में खेतों से पानी की निकासी का अल्टीमेटम दिया। चेतावनी दी कि यदि तय समय में समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो किसान उपायुक्त से मुलाकात कर अगला आंदोलनिक कदम उठाएंगे।
तहसील प्रधान रमेश मिरकां और सचिव अभय राम फौजी ने कहा कि किसानों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर सरकार पूरी तरह संवेदनहीन बनी हुई है। खेतों और ढाणियों से पानी की निकासी के लिए कोई ठोस प्रबंध नहीं किए गए हैं। वहीं, डीएपी खाद की आपूर्ति भी मांग के अनुसार नहीं हो रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार दिवाली तक मुआवजा देने के खोखले दावे कर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई राहत नहीं मिली। सरकार केवल धन्यवाद सभाओं, उत्सवों और जुबली कार्यक्रमों में व्यस्त है और जनता के टैक्स के पैसों का दुरुपयोग कर रही है।
किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि मंडियों में बासमती और परमल धान के भाव गिर चुके हैं, क्योंकि यूपी, एमपी और बिहार से आने वाला धान हरियाणा के किसानों की उपज की कीमत कम कर रहा है। यही स्थिति कपास, मूंग, बाजरा, मूंगफली और ग्वार जैसी फसलों की भी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीने से प्रशासन सिर्फ दौरे करने में व्यस्त है, जबकि किसानों की वास्तविक समस्याएं जस की तस हैं। पराली प्रदूषण के नाम पर एफआईआर और चालान करके किसानों को डराया जा रहा है। किसान सभा ने चेतावनी दी कि अब किसान सरकार की इस नीति को और बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सभा ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के उस बयान की भी कड़ी निंदा की, जिसमें उन्होंने अमेरिका गए युवाओं को ‘घुसपैठिया’ कहा था। सभा ने मांग की कि खट्टर इस बयान के लिए सार्वजनिक माफी मांगें।
सभा नेताओं ने बताया कि प्रशासन के रवैये को देखते हुए धरना जारी रहेगा।
धरने को वजीर, राम लाडवा, नन्ही देवी, सतपाल शर्मा, सुरेंद्र मान, बलराज सहरावत, सुरेंद्र नलवा, सुरजमल पनिहार, रामानंद गुंजार, ईश्वर ग्रेवाल, शकुंतला, निर्मला और संतोष ने भी संबोधित किया।
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Hisar News: किसानों ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, बोले – दस दिन में नहीं निकला पानी तो डीसी से मिलेंगे


