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हिसार। पीएम किसान सम्मान निधि के लिए पात्र न होते हुए भी हजारों लोगों के खातों में राशि डाल दी गई। कृषि विभाग की नींद टूटी और जांच कराई तो पाया कि करीब 3748 किसानों ने आयकर के दायरे में होते हुए भी सम्मान राशि का लाभ लिया। विभाग ने इन्हें नोटिस देकर जारी किए गए 6 करोड़ 98 हजार रुपये वापस मांगे हैं। अब तक 19 लाख 50 हजार रुपये की वसूली की जा चुकी है। कृषि विभाग ने चिह्नित किसानों की सूची खंड स्तर पर भेजकर आयकर अदा करने वाले किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि वापस जमा कराने के लिए कहा है।
केंद्र सरकार ने फरवरी 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी। इसके तहत पात्र किसान को हर चार माह में 2000 रुपये दिए जाते हैं। इस हिसाब से हर किसान को साल भर में 6000 रुपये दिए जाते हैं। इस निधि के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई शर्त तय नहीं की गई हैं। फिलहाल जिले में करीब 83053 किसानों को सम्मान निधि मिल रही है। आरटीआई के तहत मिली सूचना में कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 3747 किसान आयकर के दायरे में पाए गए हैं। इन लोगों से सम्मान निधि वापस ली जाएगी। इनसे वसूली शुरू हो चुकी है।
छह साल में आधे रह गए लाभार्थी
छह साल पहले शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थियों की संख्या जिले में आधी से भी कम रह गई है। वर्ष 2019 में जब योजना शुरू हुई तो पहली किस्त 168975 किसानों को जारी गई थी। अब 18वीं किस्त जारी की गई तो किसानों की संख्या 83053 रह गई है। छह साल में 85922 लाभार्थी कम हो गए। 18वीं किसत में किसानों को करीब 16.61 करोड़ रुपये जारी किए गए। पहली किस्त में 33 करोड़ 79 लाख 50 हजार रुपये जारी किए गए थे।
किस्त लाभार्थी रुपये वितरित किए
1 1,68,975 33,79,50,000
2 1,67,824 33,56,48,000
3 1,65,098 33,01,96,000
4 1,60,827, 32,16,54,000
5 1,58,876, 32,16,54,000
6 1,57,236, 31,44,72,000
7 1,54,236, 30,82,92,000
8 1,51,403 30,28,06,000
9 1,49,373, 29,87,46,000
10 1,45,672 29,13,44,000
11 1,37,502 27,50,04,000
12 94,236 18,84, 72,000
13 1,32,901 26,58,02,000
14 1,20,252 24,05,04, 000
15 97,560 19,51,20,000
16 96,939 19,38,78,000
17 95,240 19,04,80,000
18 83,053 16,61,06,000
ये कार्य हैं लंबित
18333 लाभार्थी किसानों का ई केवाईसी सत्यापन लंबित है।
10912 लाभार्थी किसानों का आधार अटैच कराना लंबित है।
7012 लाभार्थी किसानों का जमीन अटैच व सत्यापन लंबित है।
सांसद ने भी उठाए थे सवाल
नवंबर 2024 में सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी ने दिशा कमेटी की बैठक में विभाग की इस योजना के आंकड़ों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से पूछा था कि लाभार्थी किसानों की संख्या इतनी कम कैसे हो गई। अधिकारियों ने इसके पीछे आधार, केवाईसी और लैंड सीडिंग का हवाला दिया था।
बिजनेस की आय को भी खेती के साथ जोड़ लिया
मेरे पास ढाई एकड़ जमीन है। कृषि विभाग ने मुझसे 12000 रुपये वापस मांगे हैं। इसमें आयकर दाता होने का हवाला दिया है। मैं कृषि के अलावा दूसरा काम करता हूं। बिजनेस की आय को भी खेती के साथ जोड़ लिया गया है। – सुनील कुमार, किसान गांव सातरोड
किराए व ट्रांसपोर्ट के काम की आय को भी जोड़ा
कृषि विभाग ने सम्मान निधि की एक किस्त जारी की थी। अब विभाग की ओर से यह पैसा वापस मांगा जा रहा है। एक एकड़ जमीन होने के बाद भी सम्मान निधि नहीं दी जा रही। किराए व ट्रांसपोर्ट के काम की आय को भी जोड़ा गया है। – संदीप पूनिया, किसान, गांव सातरोड़
राशि वापस लेने का कोई आधार नहीं
अगर कोई किसान दूसरा काम कर रहा है तो उसे खेती की आय में क्यों जोड़ा जा रहा है। किसान सम्मान निधि सभी किसानों के लिए होनी चाहिए। इसे वापस लेने का कोई आधार नहीं है। – विकास सातरोड, जिला मीडिया प्रभारी, भाकियू
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