शहीद निशांत मलिक की प्रतिमा पर माल्यार्पण करतीं तीनों बहनें।
हांसी। राखी पर बहनें इकलौते भाई के आने की राह देख रही थी, लेकिन उसके शहीद होने की खबर ने उनकी दुनिया ही उजाड़ दी। घटना दो साल पहले 11 अगस्त की है, लेकिन रक्षाबंधन आते ही बहनों की आज भी आंखें भर आती हैं। रविवार को भी ऐसा ही माहौल था, जब शहीद निशांत मलिक की याद में उनके पैतृक गांव ढंढेरी में राजकीय स्कूल में बने स्मारक पर सात बास सहित अन्य गांवों के ग्रामीणों व विभिन्न दलों के नेताओं ने शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान हवन कर शहीद को याद किया गया।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में 11 अगस्त 2022 को रक्षाबंधन के दिन ही तीन बहनों का इकलौता भाई 21 वर्षीय निशांत मलिक मुठभेड़ में बलिदान हो गया था। भाई को श्रद्धांजलि देते समय तीनों बहनों के आंखों से आंसू छलक गए। निशांत की बड़ी बहन नीरज ने बताया कि उनको अपने भाई की शहादत पर गर्व है। महज 21 वर्ष की आयु में उन्होंने जान न्यौछावर कर दी। निशांत हम तीन बहनों से छोटा था। रक्षाबंधन का त्योहार आता तो उसकी बहुत याद आती है, क्योंकि रक्षाबंधन के दिन ही वह शहीद हुए थे। कांग्रेस नेता प्रेम सिंह मलिक, पूर्व मंत्री सुभाष गोयल, जिला पार्षद मोहित मलिक सहित काफी संख्या में लोगों ने शहीद निशांत मलिक को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
4 घंटे तक चली थी आतंकियों के साथ मुठभेड़
राजौरी में 11 अगस्त की रात सैन्य वर्दी में आए दो आतंकियों ने 11 राजपूताना राइफल्स के कैंप में ग्रेनेड फेंका और अंधाधुंध फायरिंग कर घुसपैठ की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में सेना ने साढ़े चार घंटे चली मुठभेड़ में दोनों आतंकियों को मार गिराया था। मुठभेड़ में एक अफसर समेत 4 जवान बलिदान हो गए थे। इनमें निशांत मलिक भी शामिल थे।
Hisar News: शहीद भाई की याद में छलकीं बहनों की आंखें