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Hisar News: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत बोले- थ्हारे खेतां में सारे तत्व पर थ्हामने रसायन छिड़क-छिड़क के भूमि बंजर बणा दी Latest Haryana News

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Gujarat Governor Acharya Devvrat said, spraying chemicals made the land barren.

एचएयू में आयोजित प्राकृतिक कृ​षि संवाद में पहुंचे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत व अन्य। 

हिसार। फसल की पैदावार बढ़ाने के चक्कर में थ्हामने खेता म्हे रसायन छिड़क-छिड़क कै भूमि न्हे बंजर बणा ली। थामणे पता है यह जहर की खेती है। छोड़ दो इसनै। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने रविवार को कुछ इस अंदाज में किसानों को रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव के बारे में चेताया। वे रविवार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा गांधी ऑडिटोरियम में आयोजित प्राकृतिक कृषि संवाद कार्यक्रम में किसानों से संवाद कर रहे थे।

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राज्यपाल ने कहा, यूरिया व डीएपी खाद में नाइट्रोजन होता है, जो हवा में मिली ऑक्सीजन के संपर्क में आने से जानलेवा नाइट्रेट ऑक्साइड से 312 गुणा खतरनाक बन जाता है। ये जब फसल में मिलते हैं तो खाद्य सामग्री के रूप में हमारे शरीर के अंदर जाकर कैंसर बनाते हैं। उन्होंने कहा, देशी गाय का गोबर अमृत समान है और गो-मूत्र कई रोगों में कारगर है। फसल में अधिक पैदावार चाहते हो तो सिर्फ गाय का गोबर व गो-मूत्र का इस्तेमाल करके प्राकृतिक खेती करो।

देशी गाय के पेट के अंदर है सूक्ष्म जीवाणुओं की फैक्टरी

आचार्य देवव्रत ने कहा कि देशी गाय के पेट के अंदर सूक्ष्म जीवाणुओं की फैक्टरी है, जो न केवल फसल की पैदावार बढ़ाने में सहायक है बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ-साथ गुणवत्ता भी बढ़ाती है। जोकि रासायनिक खादों के बस की बात नहीं है। राज्यपाल ने बताया कि फसल में नीमातोड़ जैसी बीमारियों का कोई स्थाई इलाज नहीं है केवल देशी गाय का मूत्र ही इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकता है।

प्राकृतिक खेती अपनाएं किसान

राज्यपाल ने बताया कि हम पैदावार बढ़ाने के लिए खेतों में अंधाधुंध खाद व कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति कम होने के साथ-साथ कैंसर, शुगर व हार्ट अटैक जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। हमें भावी पीढि़यों को शुद्ध जल, भोजन व हवा उपलब्ध करवानी है तो प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। कार्यक्रम में राज्यपाल को स्मृति चिह्न व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा ने कहा कि खेती में पेस्टीसाइड का प्रयोग कम कर फसल की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है। रासायनिक खादों का अत्यधिक प्रयोग करने से जमीन की उर्वरा शक्ति में कमी आई है। उन्होंने किसानों से कहा कि फसल अवशेषों को न जलाकर अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी सहयोग करें। इस अवसर पर किसानों द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती करने वाले प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया।

ये रहे मौजूद : कार्यक्रम में हांसी के विधायक विनोद भयाना, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज, माटी कला बोर्ड के चेयरमैन ईश्वर मालवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष अशोक सैनी, पूर्व राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, श्रम कल्याण बोर्ड के चेयरमैन नरेश जांगड़ा, जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग, एसडीएम जयवीर यादव, कार्यक्रम संयोजक एवं पूर्व चेयरमैन रणधीर सिंह धीरू, पूर्व चेयरमैन सतबीर वर्मा, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग उप निदेशक डॉ.राजबीर सिंह भी मौजूद रहे।

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