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धरने पर बैठे लड़की के माता-पिता – फोटो : संवाद
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बेटी का अब तक सुराग नहीं है…। मेरी नौकरी छूट चुकी है, स्कूटी भी बिक गई और दोनों बेटों की पढ़ाई बंद है। बावजूद इसके पुलिस प्रशासन में कोई हरकत नहीं है। पिछले आठ दिन से रात में दो डिग्री से कम तापमान में खुले आसमां के नीचे धरना दे रहे हैं। इंसाफ पाने के लिए आखिर किस चीज का इम्तिहान लिया जा रहा है। यह कहते हुए सुनील सोनी के चेहरे पर दर्द के जो भाव थे, वो किसी को भी भावुक कर सकते थे।
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बेटी की तलाश के लिए दूसरे दिन मंगलवार को भी उनका आमरण अनशन जारी रहा। इनके समर्थन में बुधवार को छात्र और शहर के जनसंगठन फव्वारा चौक से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन करेंगे। बहन की तलाश के लिए माता-पिता के साथ धरना दे रहे बड़े बेटे दीपक को सोमवार रात कड़ाके की सर्दी के कारण तेज बुखार हो गया। 13 साल के दीपक ने बताया कि वह आजाद नगर स्थित एक निजी स्कूल में छठी में पढ़ता है।
बहन के घर से गायब होने के बाद से उसकी तलाश में जुटे हैं। जब से धरने पर बैठा हूं, स्कूल नहीं जा पा रहा। आठ साल के देव ने बताया कि वह धरने पर बैठने के बाद से स्कूल नहीं जा पा रहा है। बेटी की मां रागनी ने बताया कि 80 दिन से बेटी का सुराग नहीं है। पति निजी नौकरी करते थे, जो छूट चुकी है। बेटी की तलाश करने और घर खर्च के लिए रुपयों की जरूरत थी तो 20 हजार रुपये में स्कूटी बेचनी पड़ी। हालात ये है कि मकान का किराया देने के लिए भी रुपये नहीं है। जब तक बेटी नहीं मिल जाती उनका धरना और अनशन जारी रहेगा। बता दें कि किशोरी 29 सितंबर को घर से कहीं चली गई थी।
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Hisar: बिटिया की तलाश में पिता की नौकरी छूटी, स्कूटी भी बिकी; दोनों बच्चों की पढ़ाई प्रभावित