Hisar: ई-टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल के खिलाफ  रामायण टोल प्लाजा को करवाया फ्री, किसानों ने किया रोड जाम


रामायण टोल प्लाजा पर जुटे किसान रोड जाम का प्रयास करते हुए।

रामायण टोल प्लाजा पर जुटे किसान रोड जाम का प्रयास करते हुए।
– फोटो : संवाद

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हरियाणा के हिसार के हांसी में सरपंच सुबह करीब 8 बजे टोल पर पहुंचे और कर्मचारियों को बिना पर्ची के वाहन निकल जाने की बात कही। इसके बाद सरपंचों ने फास्टैग बंद करवा दिए और वाहनों का आवागमन फ्री कर दिया।इसके बाद सरपंचों ने धरनास्थल पर बैठक की। टोल पर भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा।

सरपंच शनिवार को रोहतक के जसिया में एकत्रित होकर अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं। हांसी के खंड विकास कार्यालय में सरपंचों का धरना 27 दिनों से जारी है। सरपंचों ने ऐलान किया है कि जब तक सरकार अपने मनमाने फैसले वापस नहीं लेगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और वे किसी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे।

बीडीपीओ कार्यालय में सरपंचों का धरना पिछले 27 दिनों से जारी है। सरपंचों के धरने के दौरान अनेक संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य पहुंचे और समर्थन दिया। इस अवसर पर सरपंच यूनियन के ज़िला प्रधान नरसिंह दुहन ने कहा कि 29 जनवरी को एक बजे तक पूरे हरियाणा में चक्का जाम करने का ऐलान था।

उन्होंने कहा कि सरकार पंचायतों को पावरलेस बनाना चाहती है और इसका पुरजोर विरोध किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब सरपंच के पास काम करने की ही पावर नहीं होगी तो पंचायत पढ़ी लिखी हो या अनपढ़, बात से कोई फर्क नहीं पड़ता।

सरपंच राइट टू रिकॉल, ई टेंडरिंग और 2 लाख तक के काम मैन्युअल करवाने के नियमों का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि राइट टू रिकॉल जैसे फैसले से केवल सरपंचों पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान एसडीएम डॉक्टर जितेन्द्र अहलावत, डीएसपी विनोद शंकर, बीडीओ धर्मपाल व भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा।

उधर किसान यूनियन के नेता अभिमन्यु कोहाड़ को गोहाना में गिरफ्तार करने के विरोध में भारी संख्या में किसान भी रामायण टोल पर पहुंच कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान किसान नेता कुलदीप खरड व दशरथ मलिक ने कहा कि अगर हमारे नेता को रिहा नहीं किया गया तो वह रामायण टोल को बंद कर देंगे। किसान नेताओं ने टोल प्लाजा को बंद कर दिया उस दौरान भारी संख्या में पहुंचीं पुलिस बल ने 10 मिनट बाद रोड़ जाम को खुलवा दिया। वहीं किसान नेताओं ने कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली हुई है। जाम खुलने के बाद किसानों व सरपंचों ने टोल प्लाजा पर मीटिंग की है।

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