[ad_1]
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
प्रत्येक पुलिस अधिकारी को कम से कम माह में एक एनडीपीएस का केस दर्ज करने के आदेश को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है और पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। आदेश के अनुसार एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारियों पर विभागीय जांच का प्रावधान भी है।
हाईकोर्ट के सामने पटियाला में एनडीपीएस एक्ट में दर्ज एफआईआर में आरोपी की जमानत याचिका सुनवाई के लिए पहुंची थी। कोर्ट को बताया गया कि एसएसपी कार्यालय से आदेश है कि पुलिस अधिकारियों को महीने में एक एनडीपीएस की एफआईआर अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच का प्रावधान है। इसी दबाव में पुलिस अधिकारी एनडीपीएस के फर्जी मामले दर्ज कर लोगों को फंसा रहे हैं।
नशे की रिकवरी करने वाले पुलिस अधिकारियों को लोकल रैंक और प्रमोशन दिया जा रहा है। याची ने कोर्ट को बताया कि डीजीपी कार्यालय से होकर यह आदेश आईजी और वहां से जिलों के एसएसपी तक पहुंचते हैं। हाईकोर्ट को फरीदकोट के 2023 में रहे एसएसपी द्वारा जारी पत्र दिखाया गया। हाईकोर्ट ने हैरानी जताते हुए कहा कि कैसे इस प्रकार का आदेश जारी किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने अब पंजाब सरकार से पूछा है कि डीजीपी से एसएसपी तक पहुंचने वाले क्या यह आदेश सही हैं, यदि हां तो इसे कोर्ट में पेश किया जाए। साथ ही फरीदकोट के तत्कालीन एसएसपी को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
[ad_2]
Highcourt: हर माह एक एनडीपीएस केस दर्ज करने के आदेश पर क्या किया, जवाब दे पंजाब सरकार