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अपराधी को अस्थाई जमानत की स्थिति में होने वाले खर्च की ही वसूली उससे की जाए, अत्याधिक शुल्क की वसूली न हो यह सुनिश्चित करना सरकार के लिए अनिवार्य है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यह आदेश मेवात निवासी तारीफ हुसैल को अंतरिम जमानत पर रिहा करते हुए जारी किया है।
याचिकाकर्ता ने बताया कि उसकी पत्नी 32 सप्ताह और 6 दिन की गर्भवती थी और याची के अतिरिक्त ऐसा कोई नहीं था जो उसकी देखरेख कर सके। ऐसे में उसकी सुरक्षित डिवीवरी सुनिश्चित करने व आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उसने जमानत की मांग की थी। हाईकोर्ट ने फरवरी माह में जेल अधीक्षक को आदेश दिया था कि याची के साथ दो गार्ड(सशस्त्र) को सादे कपड़ों में भेजा जाए। इन गार्ड की नियुक्ति, रहने व परिवहन से जुड़ा पूरा खर्च याचिकाकर्ता को उठाना होगा न की राज्य सरकार को। अब हाईकोर्ट को बताया गया कि खर्च से जुड़ी जो मांग राज्य सरकार द्वारा की गई है वह अत्यधिक है और ऐसे में इसमें संशोधन किया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस मामले में केवल परिवहन की लागत, गार्ड की तैनातगी और अन्य वास्तविक शुल्क ही वसूल करने का आदेश दिय है। साथ ही भविष्य में इस प्रकार के मामलों के लिए तंत्र विकसित करने का आदेश दिया है।
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