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परमजीत सिहं/प्रदीप साहू
चंडीगढ़. उत्तर भारत में मौसम के करवट बदलने के बाद हरियाणा में बारिश और ओले गिरे हैं. यहां पर बिजली गिरने से दो लोगों की मौत भी हो गई. वहीं, अनाज मंडियों में बारिश के पानी में गेंहू की फसल भीगने से किसानों को खासा नुकसान हुआ. शुक्रवार को प्रदेश के कई इलाकों में बादल छाए हुए हैं. वहीं, कुछ जगह हल्की धूप भी निकली है.
जानकारी के अनुसार, गुरुवार दिन और शाम के बाद हरियाणा के कुछ इलाकों में बारिश हुई. इस दौरान जींद, कैथल और सोनीपत में ओले भी गिरे. उधऱ, फतेहाबाद में आसमानी बिजली गिरने से मां की मौत हो गई, जबकि 13 साल की बेटी घायल है. रेवाड़ी के धारूहेड़ा में आंधी में पोल गिरने से युवक की मौत हो गई.
टोहाना विधानसभा के गांव नागला में में बिजली गिरने की यह घटना सामने आई. घटना के समय महिला और उसकी 13 वर्षीय बेटी खेत से चने इकट्ठा कर घर लौट रही थीं. अचानक मौसम खराब हो गया और तेज हवाओं के साथ बिजली गरजने लगी और बारिश से बचने के लिए दोनों एक पेड़ के नीचे खड़ी हो गईं. तभी पेड़ पर बिजली गिर गई, जिससे महिला की मौके पर ही मौत हो गई और बेटी घायल हो गई. घायल बेटी को तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. महिला के पति सुभाष ने बताया कि उनकी पत्नी और बेटी खेत में चने इकट्ठा कर रही थीं. मौसम खराब होता देख वे घर लौट रही थीं, लेकिन रास्ते में तेज बारिश आ गई. बारिश से बचने के लिए वे एक पेड़ के नीचे खड़ी हो गईं, तभी बिजली गिरने से उनकी पत्नी की मौत हो गई और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गई.
खराब मौसम में खुले में पड़ा हजारों क्विंटल अनाज
चरखी दादरी में अनाज मंडी में हजारों क्विंटल अनाज खराब मौसम के बीच खुले में पड़ा हुआ है. बीती रात बारिश होने से गेहूं और सरसों की ढेरियां और बैग भीग गए. गुरुवार को श्रमिक ढेरियों और बैग के पास से पानी निकालते नजर आए. हालांकि, मार्केट कमेटी के अधिकारी अनाज के ज्यादा नहीं भीगने और तिरपाल तेज हवा में उड़ने की बात कहकर आढ़तियों का बचाव करते दिखे. वहीं, धीमी गति से उठान होने के कारण मंडी में लगातार परेशानियां बढ़ रही हैं.
गौरतलब है कि चरखी दादरी सहित प्रदेश के अन्य जिलों में गेहूं और सरसों की आवक जोरों पर है. क्षेत्र के किसान बनाए गए खरीद केंद्रों पर एमएसपी के तहत सरकारी खरीद में फसल बेचने के लिए संबंधित मंडी और खरीद केंद्रों पर पहुंच रहे हैं. जिले में सरसों खरीद के लिए तीन स्थान निर्धारित किए गए हैं, जहां 3 लाख 74 हजार क्विंटल सरसों की आवक हुई है, जिसमें से 2 लाख 31 हजार क्विंटल की खरीद और 1 लाख 31 हजार 400 क्विंटल सरसों का उठान हुआ है. मंडी में चारों ओर अनाज के ढेर नजर आ रहे हैं और खराब मौसम और बारिश के पूर्वानुमान के बीच भी हजारों क्विंटल अनाज खुले में पड़ा हुआ है, जो बीती रात बारिश में भीग गया.
पानी निकालते नजर आए श्रमिक
चरखी दादरी में बारिश आई, जिससे खुले में रखी गेहूं और सरसों की ढेरियां भीग गईं. कई स्थानों पर ढेरियों और अनाज के बैगों के पास पानी जमा हो गया, जिसे गुरुवार को श्रमिक झाड़ू और बाल्टी के जरिए निकालते नजर आए. वहीं, कई स्थानों पर भीगी हुई सरसों को अलग करने और सुखाने में श्रमिक व्यस्त रहे.
आढ़तियों को निर्देश दे रखे हैं: सचिव
चरखी दादरी मार्केट कमेटी के सचिव विजय कुमार ने कहा कि बारिश की संभावना की जानकारी उन्हें पहले से थी और आढ़तियों को तिरपाल और पॉलीथिन कवर से अनाज को ढकने के निर्देश दे दिए थे. उन्होंने कहा कि रात का समय होने और बारिश के साथ तेज हवा आने के कारण तिरपाल उड़ गए, जिससे कुछ ढेरियां भीग गईं. उन्हें सुखाया जाएगा. बारिश में भीगने से अनाज को नुकसान नहीं हुआ है.
धीमी उठान प्रक्रिया बनी परेशानी
चरखी दादरी अनाज मंडी में उठान प्रक्रिया धीमी होने से परेशानियां पेश आ रही हैं. मंडी में अनाज रखने के लिए जगह कम पड़ने लगी है. कई स्थानों पर मंडी की सड़कों पर अनाज रखा गया है, जिससे कई दुकानों पर जाने के रास्ते बंद हो गए हैं. आढ़तियों के बीच इसको लेकर कहासुनी भी हो चुकी है. उठान के कारण ही परेशानियां बनी हुई हैं. मंडी में गेहूं और सरसों की आवक लगातार जारी है और अनाज भीगने और नमी होने के कारण उठान प्रक्रिया बाधित है, जिससे आने वाले दिनों में परेशानी और अधिक बढ़ सकती है.
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