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Haryana Politics: हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद नौ महीने से रिक्त है, जिससे सरकार के 50 लाख रुपये बच गए हैं. कांग्रेस के 37 विधायक अब तक नेता नहीं चुन पाए हैं.
हाइलाइट्स
- हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष का पद नौ महीने से रिक्त है.
- सरकार के 50 लाख रुपये बच गए हैं.
- कांग्रेस के 37 विधायक अब तक नेता नहीं चुन पाए हैं.
दरअसल, वर्तमान 15वीं हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के 37 विधायकों ने सदन में अपना नेता नहीं चुना गया है और जिस कारण विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण की ओर से सदन में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया जाना भी लंबित है.
अब चूँकि गत नौ महीने से वर्तमान हरियाणा विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं है, तो इससे नेता प्रतिपक्ष (दर्जा कैबिनेट मंत्री के समकक्ष) के वेतन-भत्तों एवं अन्य सुविधाओं आदि होने वाला व्यय (खर्चा) न होने से प्रदेश के सरकारी खजाने में 50 लाख से अधिक की बचत अवश्य हुई है. प्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री पर प्रतिमाह होने वाला कुल व्यय करीब चार से पांच लाख रुपये के बीच पड़ता है.
नेता प्रतिपक्ष को राजधानी चंडीगढ़ में कैबिनेट मंत्री के सामान एक सरकारी आवास भी मिलता है. सनद रहे कि पिछली 14वीं हरियाणा विधानसबा में नेता प्रतिपक्ष रहे भूपेंद्र हुड्डा ने अब तक उन्हें सेक्टर 7 चंडीगढ़ में आबंटित सरकारी कोठी खाली नहीं की है, जिसके कारण उसका पीनल रेंट भी लगातार लग रहा है, जो उन्हें चुकाना पड़ेगा. गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बात भी कांग्रेस में खींचतान कम नहीं हुई थी और इसी वजह से पार्टी नेता विपक्ष नहीं बना पाई. पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की दावेदारी मजबूर थी. फिर भी कोई फैसला नहीं हो पाया.

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from …और पढ़ें
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