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Haryana Congress Politics: हरियाणा कांग्रेस में खींचतान जारी है. नेता विपक्ष और अध्यक्ष पद पर मंथन हो रहा है. कुमारी सैलजा ने संगठन की कमी पर चिंता जताई और आंतरिक समस्याओं को हार का कारण बताया.
हरियाणा में कांग्रेस इंटरनल पॉलिटिक्स में उलझी हुई है.
हाइलाइट्स
- कुमारी सैलजा ने कांग्रेस की आंतरिक समस्याओं पर चिंता जताई.
- हरियाणा कांग्रेस में नेता विपक्ष और अध्यक्ष पद पर मंथन जारी.
- सैलजा ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के कारण बताए.
चंडीगढ़. हरियाणा में कांग्रेस पार्टी में खींचतान कम नहीं हो रही है. पार्टी में नेता विपक्ष और अध्यक्ष के लिए मंथन हो रहा है. दिल्ली में बीते रोज मीटिंग हुई थी और चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग हुई. उधर, सैलजा ने एक बार फिर से अपना दर्द जाहिर किया और कहा कि संगठन ही नहीं है.
दरअसल, हरियाणा में कांग्रेस के नए अध्यक्ष और संगठन को लेकर दिल्ली में मंथन हुआ है. इसके अलावा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने को लेकर भी चर्चा के बाद कोई फैसला नहीं हो पाया है और इस कारण दूसरी बार विधानसभा का सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के ही शुरु हुआ है. बाकायदा दो बार इस पर मंथन के लिए मीटिंग भी हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस कोई फैसला नहीं ले पाई है.
अब हरियाणा निकाय चुनाव के परिणाम से पहले कांग्रेस की सिरसा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने विधानसभा चुनाव में हरियाणा कांग्रेस की खामियों को स्वीकार किया और भाजपा के रोल को बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हार का कारण आंतरिक समस्याएं हैं. हाईकमान को हरियाणा में पार्टी को सुधारना होगा. सैलजा ने बिना नाम लिए कांग्रेस के कई नेताओं पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन विधानसभा में सरकार नहीं बना पाई. इसका खामियाजा जनता क्यों भुगते? दरअसल, सांसद कुमारी शैलजा चरखी दादरी में पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के निधन पर उनके विधायक बेटे सुनील सांगवान के निवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंची थीं.
प्रदेश का संगठन कई साल से नहीं बन पा रहा-सैलजा
इस दौरान कांग्रेस का हरियाणा में संगठन नहीं बनने को लेकर सैलजा ने अपनी चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि पार्टी में खामियों के कारण प्रदेश का संगठन कई साल से नहीं बन पा रहा है. सैलजा ने रोहतक के हिमानी हत्याकांड पर कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ सिर्फ नारा है, सरकार अपराध रोकने में नाकाम है. दोषियों को ऐसी सजा मिले कि ऐसे घिनौने काम करने वाले कांप उठें. उन्होंने कहा कि किसान अपनी बर्बाद फसलों के मुआवजे के लिए सड़कों पर हैं.
सैलजा लड़ना चाहती थी चुनाव
गौरतलब है कि हरियाणा की सियासत में कुमारी सैलजा वापसी करने की कोशिश में हैं. हालाकि, अब तक वह कामयाब नहीं हो पाई हैं. उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई थी. लेकिन पार्टी ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी. इसस पहले कुमारी सैलजा हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं. लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि क्या कुमारी सैलजा अध्यक्ष पद की दावेदार हैं और रह रहकर जो टीस उनके मन में उठती रहती है, उसके मर्ज की यह दवा है कि उन्हें पार्टी प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका दे. हालांकि, सैलजा के रास्ते में भूपेंद्र हुड्डा बड़ी चुनौती हैं.
March 07, 2025, 12:51 IST
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