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किरण चौधरी
– फोटो : फाइल
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देश-प्रदेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका में रहे पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल के गढ़ तोशाम में अब चुनावी घमासान होगा। ये चुनावी घमासान चौधरी बंसीलाल के परिवार के बीच ही होने के आसार हैं, जिसके संकेत उनके जन्मदिवस पर हुए दो अलग-अलग आयोजनों से उनकी तीसरी पीढ़ी श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी ने दे दिए हैं।
तोशाम की जन आशीर्वाद रैली में किरण ने इशारो-इशारों में यहां से बेटी श्रुति चौधरी की भावी उम्मीदवारी जता दी है। वहीं बंसीलाल के पैतृक गांव गोलागढ़ में समाधि स्थल पर हुए कार्यक्रम में बंसीलाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी ने भी तोशाम सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर डाला। अनिरुद्ध ने चाची (किरण चौधरी) पर भी जमकर निशाना साधा।
वैसे बंसीलाल परिवार के लिए यह पहला मौका नहीं है जब परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में आमने-सामने होंगे। इससे पहले भी बंसीलाल परिवार में उनके बड़े बेटे रणबीर महेंद्रा व सुरेंद्र सिंह 1998 के लोकसभा चुनाव में आमने-सामने हो चुके हैं। सुरेंद्र ने हविपा और महेंद्रा ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था, जिसमें सुरेंद्र सिंह जीते थे। अब बंसीलाल की तीसरी पीढ़ी फिर से ये इतिहास दोहराने को तैयार हो गई है।
विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर पार्टियों ने भले ही पत्ते नहीं खोले हैं, मगर चुनावी दंगल में दिग्गज अभी से ताल ठोक रहे हैं। कांग्रेस नेता अनिरुद्ध पहले से ही किरण के खिलाफ लड़ने की बात कर रहे हैं लेकिन किरण के राज्यसभा में जाना तय होने के बाद तोशाम से भाजपा की दावेदारी में श्रुति का नाम सबसे आगे आ रहा है। अनिरुद्ध भी कांग्रेस की तरफ से टिकट की दौड़ में खुद को सबसे आगे रख रहे हैं। इधर, श्रुति चौधरी ने अपने ही भाई के सामने चुनाव लड़ने की बात सामने आने पर स्पष्ट किया है कि उसे तोशाम से भाई के विरोध में चुनाव लड़ने से कोई परहेज नहीं।
किरण ने मंच से दिए संकेत, विरोधियों को दिखाई ताकत
किरण ने संबोधन के दौरान तोशाम से श्रुति की संभावित उम्मीदवारी पर इशारो-इशारों में मोहर लगा डाली। हालांकि सीएम सैनी ने इस मामले में अभी पत्ते नहीं खोले हैं। वहीं रैली में जुटी भीड़ भी श्रुति चौधरी के पक्ष में बात करती रही। इस रैली के माध्यम से किरण ने भाजपा और दूसरे दलों को यह दिखाने का भी प्रयास किया कि तोशाम में किरण की पैठ और कार्यकर्ताओं पर पकड़ कितनी मजबूत है।
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