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हरियाणा के कार्यवाहक सीएम और पूर्व सीएम हुड्डा
– फोटो : संवाद
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हरियाणा गठन के बाद 1967 से लेकर 2019 तक प्रदेश में 13 बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी कर चुकी है, मगर राज्य के इतिहास में अभी तक किसी भी दल को लगातार तीसरी बार जनादेश नहीं मिला, यानी की सत्ता में वापसी नहीं हुई है। विधानसभा चुनाव 2024 में कुल 66.96 प्रतिशत मतदान हुआ है, जोकि विधानसभा चुनाव 2019 के मुकाबले 1.12 प्रतिशत कम है। इतना ही नहीं हरियाणा के कुल 13 विधानसभा चुनाव की औसत मतदान प्रतिशत 69.19 रहा है। इससे भी मतदान प्रतिशत काफी कम रहा है।
हरियाणा के इतिहास में औसत प्रतिशत से चार बार कम मतदान होने पर भी सत्ता परिवर्तन हुआ है। हालांकि, सात बार औसत प्रतिशत ज्यादा मतदान होने पर भी सत्ता की चाबी सत्ताधारी पार्टी के हाथ से दूसरे दल के पाले में गई है। औसत से कम मत प्रतिशत का उलटफेर वर्ष 2000 के चुनाव में 69.09 प्रतिशत मतदान होने बाद भी दिखाई पड़ा। इस बार भी हरियाणा विकास पार्टी से सत्ता इनेलो को मिल गई और चौधरी ओम प्रकाश चौटाला सीएम बनें।
अब वर्ष 2005 में 71.97 प्रतिशत यानी कि पिछले विधानसभा चुनाव से 2 प्रतिशत ज्यादा मतदान होने के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई और पहली भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य के सीएम बनें। वहीं, वर्ष 2009 में कुल 72.29 मत प्रतिशत होने के साथ कांग्रेस ही सत्ता में आई और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वर्ष 2014 में कुल 76.13 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस मतदान ने कांग्रेस को हटाकर सत्ता की कुर्सी भाजपा को पकड़ा दी।
पहली बार भाजपा से मनोहर लाल सीएम बने। जबकि वर्ष 2019 में 67.92 प्रतिशत मतदान हुआ यानि की 8.21 प्रतिशत कम मतदान के बावजूद भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर लगातार दूसरी बार सरकार बनाई। दूसरी बार मनोहर लाल ने सीएम पद संभाला, हालांकि 13 मार्च 2024 में भाजपा ने उलटफेर करते हुए मनोहर लाल की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी थी।
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