ख़बर सुनें
विस्तार
हरियाणा में बुधवार को 46 शहरी निकायों के चुनाव नतीजों का सभी दलों की राजनीति पर सीधा असर पड़ेगा। इस चुनाव से भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की साख जुड़ी हुई है। पहली बार निकाय चुनाव में सिंबल पर उतरी आप को खाता खुलने की आस है। कांग्रेस निर्दलीयों में ही अवसर देख रही है। इनेलो को भी चुनाव में अच्छे नतीजों की उम्मीद है।
भाजपा-जजपा, आप और इनेलो अपने पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ रही हैं। कांग्रेस ने निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दिया हुआ है। अनेक जगह कांग्रेस बनाम कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों में भी कड़ी टक्कर है। 18 नगर परिषद और 28 नगरपालिकाओं के चुनाव नतीजों से शहरी मतदाताओं के रुख का पता चलेगा। अगर भाजपा-जजपा गठबंधन के अध्यक्ष उम्मीदवार जीतते हैं, तो सरकार का उत्साह और बढ़ेगा। चूंकि, नगर परिषद और नगरपालिका के अध्यक्ष पद के लिए सीधा चुनाव हो रहा है। मतदाता सीधे अध्यक्ष को चुनने वाले हैं, पार्षदों की इसमें कोई भूमिका नहीं रहेगी।
2024 के लिए माहौल बनाने की कोशिश
आप इन चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर 2024 के लिए माहौल बनाने की कोशिश करेगी। राज्यसभा चुनाव में एक सीट पर हार का सामना कर चुकी कांग्रेस को अपने समर्थित उम्मीदवार जीतने पर सरकार को घेरने का मौका मिलेगा। इस चुनाव से सीएम मनोहर लाल, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, पांच मंत्रियों और तीस से अधिक विधायकों की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। कांग्रेस सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ रही, इसलिए हार का ठीकरा सीधे तौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा या प्रदेशाध्यक्ष उदयभान पर नहीं फोड़ा जा सकेगा।
जिन 18 नगर परिषद के चुनाव के नतीजे बुधवार को आ जाएंगे, उनमें से 14 पर भाजपा, 3 पर कांग्रेस अध्यक्ष थे। 28 नगरपालिका में से 21 पर भाजपा, 2 पर कांग्रेस, 2 पर निर्दलीय चेयरमैन थे। सीमांकन के बाद एक नगर परिषद और 3 नगरपालिका में पहली बार चुनाव हो रहे हैं।
.