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तोशाम में पत्रकाराे से बातचीत करते हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया। file
– फोटो : वीडियो ग्रैब
विस्तार
हरियाणा विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद बढ़ी बगावत के बाद हरियाणा कांग्रेस में भी बगावत डर बैठ गया है। रविवार रात कांग्रेस ने नौ प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी की है। कांग्रेस हाईकमान ने यहां पर भी सेफ गेम खेलने की कोशिश की है। जिन नौ सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं, वहां पर भी टिकट को लेकर कोई बड़ा विवाद नहीं है। अधिकतर पूर्व विधायकों या उनके परिवारों को मौका दिया गया है। बावजूद इसके कांग्रेस में हर एक सीट पर कई दावेदार हैं, इसलिए हंगामा और विरोध तय है। फिलहाल, कांग्रेस उन सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं, जहां पर अधिक दावेदार हैं।
भाजपा ने सबसे पहले 67 प्रत्याशियों की सूची जारी की थी। इसके बाद से अब तक तमाम कोशिशों के बावजूद विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक नेता इस्तीफे दे रहे हैं। भाजपा में बढ़ते असंतोष को देखते हुए कांग्रेस ने इससे सबक लिया और प्रत्याशियों की सूची तीसरी सूची होल्ड कर ली। तमाम मंथन के बाद तीसरी सूची में भी उन सीटों को ही शामिल किया गया है, जहां पर एक या दो दावेदार ही थे। नई सूची में अधिकतर पूर्व विधायकों को मौका दिया गया है। इसलिए यहां पर बागियों की संख्या कम रहेगी। आम आदमी पार्टी के साथ हो रहे गठबंधन को देखते हुए कैथल व जींद जिले के अलावा पंजाब के साथ लगती विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं।
निशान सिंह को नहीं मिला टिकट, आमने सामने होंगे भाई बहन
तीसरी सूची में भी कई दिग्गजों को टिकट नहीं मिल पाया है। सांसद कुमारी सैलजा, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला और उनके बेटे आदित्य सुरेजवाला का सूची में नाम नहीं है। वहीं कांग्रेस ने तोशाम से पूर्व विधायक रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को मौका दिया है। यहां से पहले ही भाजपा की उम्मीदवार उनकी चचेरी बहन श्रुति चौधरी उम्मीदवार हैं। इनके अलावा, जजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह टोहाना से टिकट के दावेदार थे, लेकिन यहां पर कांग्रेस ने पूर्व कृषि मंत्री परमवीर सिंह पर ही दांव खेला है। निशान सिंह पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ कुमारी सैलजा के भी नजदीकी हैं। बावजूद इसके उनको टोहाना से टिकट नहीं मिला है। बकायदा जजपा के काफी संख्या में नेताओं को कांग्रेस में शामिल कराने का श्रेय निशान सिंह के पास है। पूर्व विधायक आनंद सिंह दांगी के बेटे बलराम दांगी को कांग्रेस ने महम से प्रत्याशी बनाया है। वहीं, इस सूची में पूर्व मंत्री कर्ण दलाल का नाम भी शामिल नहीं है। इनको चौथी सूची का इंतजार करना होगा।
बड़ी सूची को किया छोटा, शेष 11 सितंबर को
कांग्रेस ने करनाल जिले की इंद्री, घरौंडा और करनाल विधानसभा सीटों को होल्ड कर लिया है। यहां पर भाजपा अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि चौथी सूची 11 सितंबर को जारी हो सकती है। बताया जा रहा है कि तीसरी सूची 30 से 35 प्रत्याशियों की थी, लेकिन केसी वेणुगोपाल के रविवार को दिल्ली से बाहर होने के चलते सूची को छोटा किया गया है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बातचीत फाइनल दौर पर पहुंचने के चलते भी सूची को छोटा किया गया है और उन सीटों पर कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है, जहां पर आम आदमी पार्टी टिकट का दावा कर रही है। संभावना है कि राहुल गांधी के विदेश से आने के बाद 11 सितंबर को अंतिम सूची जारी की जाएगी।
बढ़ती जा रही दावेदारों की बेचैनी
हांसी और हिसार से भी प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने दावेदारों की धड़कनें तेज हो गई हैं। दक्षिण हरियाणा के साथ गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले की विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं होने से दावेदारों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। इनके साथ कुरुक्षेत्र के पिहोवा, कैथल, कलायत, गुहला चीका, जींद समेत अन्य विधानसभाओं को लेकर प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं। यहां पर कई कई दावेदार हैं और कांग्रेस को बगावत का डर सता रहा है। इसलिए कांग्रेस बागी नेताओं को दूसरे दलों में जाने का मौका नहीं देना चाह रही। 12 सितंबर नामांकन की अंतिम तिथि है, इसलिए संभावना है कि 11 सितंबर को कांग्रेस की अंतिम सूची जारी होगी।
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Haryana Elections : भाजपा में बगावत देख कांग्रेस खेल रही सेफ गेम, कुछ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा रोकी