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चंडीगढ़. हरियाणा में मांगें पूरी ना होने के बाद अब डॉक्टरों (Haryana Doctors Strike) की हड़ताल जारी है. शुक्रवार को दूसरे दिन भी डॉक्टर काम पर नहीं लौटे और मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं. गुरुवार को पहले दिन डॉक्टरों की हड़ताल के चलते ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बाधित रहीं. पास्टमार्टम से लेकर ऑपरेशन तक नहीं हुए. मरीजों को दूसरे दिन भी अस्पतालों से बेरंग लौटना पड़ रहा है. उधर, सरकार और डॉक्टरों की वार्ता बेनतीजा रही है. हालांकि, सरकार ने डॉक्टरों की एक मांग मान ली थी, लेकिन डॉक्टर सभी मांगों को पूरा करने की मांग कर रही हैं.
जानकारी के अनुसार, हरियाणा में सरकारी डॉक्टरों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. प्रदेश के अस्पतालों में दूसरे दिन भी लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है. फिलहाल, लोग अब निजी अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं.
क्या है मांगे
दरअसल. डॉक्टर्स की मांग है कि एसीपी को केंद्र और बिहार की तर्ज पर 5,10 और 15 साल की बजाय 4,9 और 13 किया जाए. इसके अलावा, सीएमओ की भर्ती सरकार सीधी ना करे और प्रमोशन के आधार पर डॉक्टरों को पद दिए जाएं. वहीं, स्पेशलिस्ट केडर बनाया जाए, ताकि डॉक्टरों को दूसरे काम ना करने पड़ें. साथ ही ट्रैवल भत्ता 500 रुपये के बजाये 3000 रुपये मांगा जा रहा है.
चंडीगढ़ में सरकार और डॉक्टरों की मीटिंग में केवल एक मांग पर सहमति बनी. सरकार ने मांग पीजी स्टूडेंट्स की बॉन्ड राशि को एक करोड़ से घटाकर 50 लाख कर दिया और नोटिफिकेशन जारी कर दी.
पांच घंटे तक मीटिंग चली
चंडीगढ़ में लगभग 5 घंटे तक मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ रणबीर पूनिया, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉक्टर अमित अग्रवाल समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक हुई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. दूसरे दौर की बैठक अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ हुई, यहां पर भी बात नहीं बनी. फिलहाल, सरकार पर लोगों की नजरें हैं.
Tags: Chandigarh news, District Hospital, Doctors strike, Government of Haryana, Haryana News Today, Junior Doctor Strike
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