कुछ सामान पड़ोसियों के घर रखा तो कुछ गली में पड़ा रहा
मकान तोड़ते समय रणधीर उर्फ धीरा की पत्नी कमलेश बोली की पाई-पाई करके मकान बनाया था, 35 साल पहले इस कालोनी में झुग्गी बनाई थी। उसका पति आटो चलाता है और वह अनाज मंडी में मजदूरी करने जाती है। कमलेश अपने टूटते हुए मकान को देख लगातार रोए जा रही थी, कई बार बेसुध हुई तो उसकी बहनों ने उसे संभाला। रणधीर के दो बेटे और दो बेटियां है। बड़ी बेटी 15 वर्षीय प्रीति 7वीं कक्षा में पढ़ती है तो दूसरी बेटी शीतल कक्षा छ में है। वहीं उसके दो बेटे है जो अनमोल दूसरी कक्षा में और कार्तिक पहली कक्षा में है।
दो भाईयों ने साथ-साथ बनाए थे मकान- एक साथ गिरा दिए
रणधीर के मकान के साथ ही उसके छोटे भाई बलबीर का मकान था। इसे भी पुलिस प्रशासन ने ढहा दिया। बलबीर के परिवार में उसकी पत्नी निर्मला और दो बेटे है। रणधीर ने नोटिस मिलने पर सामान को सामने स्थित एक मकान में रखवाया था तो उसका कुछ सामान गली में पड़ा था। रणधीर की पत्नी निर्मला ने बताया कि उन्होंने करीब तीन साल पहले मकान की मरम्मत करवाई थी। रणधीर और बलबीर के साथ इसी कालोनी में इनके तीन भाई ओर रहते हैं।
लोन लेकर बनाया था मकान: बिमला
बिमला ने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करती है। उसके दो बेटे और एक बेटी है। बिमला ने बताया कि उसने लोन लेकर मकान बनाया था। लेकिन प्रशासन की ओर से दो बार नोटिस दिया गया। वीरवार को नोटिस दिया तो उसने मकान खाली कर सामान पड़ोसियों के घर में रखवाया था। बिमला ने बताया कि करीब 35 साल पहले यहां झुग्गी बनाकर रहने लगे थे। धीरे-धीरे पैसे जोड़कर पक्का मकान बनाया था।
नशा तस्करों की संपत्ति की जा रही है पहचान: एसपी
एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस विभाग राजस्व विभाग, नगर निगम व स्थानीय प्रशासन की मदद से नशा तस्करों की चल व अचल संपत्ति की पहचान कर रहा है। इसके साथ ही नशा तस्करों का साथ देने वाले अन्य लोगों की भी पहचान की जा रही है।
रिपोर्ट- संदीप सैनी, हिसार
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