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Haryana Assembly Election: आया राम-गया राम ने बढ़ाई भाजपा-कांग्रेस की टेंशन, बागी मांग रहे टिकट, इन सीटों पर फसेगा पेच Chandigarh News Updates

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Haryana Assembly Election challenge to decide candidates for BJP and Congress many rebels in both parties

भाजपा और कांग्रेस
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


विधानसभा चुनाव एलान के बाद राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस मजबूत उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में जुट गए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले हफ्ते की शुरुआत में उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा सकते हैं। मगर राजनीतिक दलों के लिए यह सब इतना आसान नहीं होने वाला। 

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दरअसल, पिछले एक साल में दोनों ही दलों में कई बागी शामिल हुए हैं। कांग्रेस में तो 45 से ज्यादा पूर्व विधायक व चेयरमैन शामिल हो चुके हैं। भाजपा में भी शामिल हुए ऐसे नेताओं की लंबी सूची है। ये सभी बागी भी विधानसभा चुनाव में दावेदारी जता रहे हैं। जिन इलाकों से यह चुनाव लड़ना चाहते हैं, वहां पहले से पार्टी के उम्मीदवार मौजूद हैं, जो लंबे समय से ग्राउंड पर मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के सामने दिक्कत यह है कि राज्य में माहौल बनाने के लिए इन बागियों को पार्टी में शामिल तो कर लिया, मगर टिकटों के बंटवारे को लेकर पुराने व नए साथियों के बीच सामंजस्य बैठाना पहाड़ जैसी चुनौती है। पार्टी को उनकी नाराजगी का भी डर सता रहा है।

भाजपा : रानियां, हिसार और चरखी दादरी में कड़ी टक्कर

भाजपा के सामने ताजा चुनौती राज्य के ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला ने पेश की है। वह पिछली बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रानियां सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे। भाजपा में शामिल होने के बाद वह भाजपा से दावा ठोक चुके हैं। वहीं, इसी सीट से भाजपा के साझेदार हलोपा के गोपाल कांडा के भतीजे धवल कांडा भी दावेदारी जता चुके हैं। दोनों के बीच चल रहे घमासान ने भाजपा को परेशानी में डाल दिया है। गोपाल कांडा लगातार भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं और सीट की दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है। हिसार में भाजपा से दावेदारी को लेकर अंदरखाते जोर आजमाइश चल रही है। हिसार से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता भाजपा के टिकट से सबसे मजबूत दावेदार हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं सावित्री जिंदल भी दावेदारी जता चुकी हैं। हिसार सावित्री जिंदल की परंपरागत सीट है। इस सीट पर जिंदल परिवार का 2009 तक कब्जा रहा है। कमल गुप्ता ने 2014 में सावित्री जिंदल को हराकर यह सीट हथिया ली थी। पिछले चुनाव में भी गुप्ता ने जीत दर्ज की थी। पिछले दिनों सावित्री जिंदल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात अपनी दावेदारी और मजबूत कर दी है।

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