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किरण चौधरी, सावित्री जिंदल, शकुंतला खटक।
– फोटो : संवाद
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हरियाणा का सियासी दंगल अब पूरी तरह सज गया है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे चुनाव की तस्वीर साफ हो रही है। बेशक, चुनाव में महिलाओं की कम भागीदारी रही है, लेकिन जब भी मौका मिला है तो उन्होंने विधानसभा में क्षेत्र की आवाज बुलंद की है।
हरियाणा गठन के बाद से 1967 में प्रदेश में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में 8 महिलाएं मैदान में उतरी थीं। इनमें चार महिला ही विधायक बन पाई थीं। 1967 से 2019 तक सबसे अधिक कलानौर हलके ने आठ बार महिलाओं को जिताकर विधानसभा भेजा है। वहीं 56 सीट ऐसी हैं, जहां से कोई महिला विधायक नहीं बन पाई है।
विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर बल्लभगढ़ क्षेत्र है, जहां से 5 महिलाओं को चौधर मिली है। इसके बाद इंद्री और झज्जर विधानसभा सीट से चार महिलाएं और अंबाला शहर, यमुनानगर, लोहारू, तोशाम, बावल सीट से तीन-तीन महिलाएं चुनाव जीती हैं। 13 विधानसभा सीट ऐसी हैं, जहां से मात्र एक-एक बार महिला चुनाव जीत पाई हैं। इस प्रकार वर्ष 1967 से 2019 तक कुल 73 विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव जीतकर महिलाएं विधानसभा पहुंच चुकीं हैं।
कलानौर से अब तक सबसे अधिक यह महिलाएं बनीं विधायक
वर्ष 1982, 1991, 1996 में कांग्रेस के टिकट पर करतार देवी, वर्ष 2000 में भाजपा से सरिता नारायण, 2005 में फिर करतार देवी और 2009, 2014 व 2019 में कांग्रेस से शकुंतला खटक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुकी हैं।
इन सीट पर महिलाओं को नहीं हो पाई जीत नसीब
पंचकूला, जगाधरी, रादौर, लाडवा, शाहाबाद, थानेसर, पेहवा, गुहला, पुंडरी, नीलोखेड़ी, पानीपत ग्रामीण, इसराना, समालखा, राई, खरखौदा, गोहाना, बरोदा, जींद शहर, जुलाना, सफीदों, नरवाना, टोहाना, रतिया, कालांवाली, रानिया, सिरसा, ऐलनाबाद, उकलाना, बरवाला, नलवा, दादरी, भिवानी, बवानीखेड़ा, महम, गढ़ी सांपला-किलोई, रोहतक, बहादुरगढ़, बादली, बेरी, महेंद्रगढ़, नारनौल, नांगल चौधरी, कोसली, बादशाहपुर, गुरुग्राम, सोहना, नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, हथीन, होडल, पलवल, पृथला, फरीदाबाद एनआईटी, फरीदाबाद और तिगांव विधानसभा सीट से कोई भी महिला विधायक नहीं बन पाई है।
ये महिलाएं लगा चुकीं जीत की हैट्रिक
इंद्री विधानसभा सीट पर 1967, 1968 और 1972 में प्रसन्नी देवी भाजपा के टिकट पर लगातार तीन बार विधायक चुनी गई थीं। तोशाम क्षेत्र से वर्ष 2009, 2014 व 2019 तक लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर किरण चौधरी चुनाव जीत चुकी हैं। कलानौर से वर्ष 2009, 2014 व 2019 में शकुंतला खटक कांग्रेस से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं थीं। झज्जर विधानसभा सीट से गीता भुक्कल कांग्रेस पार्टी से वर्ष 2009, 2014 व 2019 तक लगातार तीन बार विधायक बनी हैं।
चार महिलाएं विधानसभा उपचुनाव जीतीं
वर्ष 1970 में बाढड़ा से लज्जा रानी, 1996 में झज्जर सीट से हविपा की कांता देवी, 2003 में फतेहाबाद सीट से इनेलो की स्वतंत्र बाला और 2005 में हिसार सीट से कांग्रेस की सावित्री जिंदल उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच चुकी हैं।
ये पूर्व महिला विधायक फिर चुनाव मैदान में डटीं
वर्ष 2024 के चुनावी दंगल में प्रमुख पार्टियों की करीब 11 पूर्व महिला विधायक फिर चुनाव मैदान में उतरी हैं। भारतीय जनता पार्टी ने मुलाना से पूर्व विधायक संतोष सारवान, कलायत से कमलेश ढांडा, पटौदी से बिमला चौधरी को उतारा है। कांग्रेस ने नारायणगढ़ से शैली चौधरी, साढ़ौरा से रेनू बाला, झज्जर सीट से पूर्व मंत्री गीता भुक्कल, कलानौर से शकुंतला खटक, अटेली से अनीता यादव, करनाल से सुमिता विर्क को मैदान में उतारा है। सुमिता विर्क की एक बार फिर करनाल में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में वापसी हुई है। पूर्व विधायक सावित्री जिंदल ने हिसार से और रोहिता रेवड़ी ने पानीपत शहर से निर्दलीय पर्चा भरा है। वहीं 90 में चार सीटें ऐसी हैं, जहां पर दोनों दलों की महिला उम्मीदवार के बीच मुकाबला होगा। इनमें अटेली, मुलाना और कलानौर विधानसभा सीटें शामिल हैं। वहीं जींद जिले की जुलाना सीट पर दो महिला खिलाड़ी कांग्रेस से ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट व आम आदमी पार्टी से डब्ल्यूडब्ल्यूई रेसलर कविता दलाल आमने-सामने हैं।
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Haryana: साल 1967 से 2019 तक कुल 73 सीट से जीतकर विधानसभा पहुंच चुकीं महिलाएं