Haryana: विधायकों को धमकी देने के मामले में बड़ा खुलासा, हवाला के जरिये पाकिस्तान भेजे गए करोड़ों रुपये


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हरियाणा में विधायकों को धमकी देने के मामले की जांच कर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने खुलासा किया है कि आरोपी पाकिस्तान व एक अन्य देश से हवाला के माध्यम से रुपयों का लेनदेन करते थे। वह केबीसी और अन्य माध्यमों से लोगों को झांसा देकर साइबर ठगी करते थे। बाद में हवाला के जरिये पाकिस्तान व अन्य देश में भेज देते थे।

जांच में पता लगा कि  गैंग का मुख्य सरगना बिहार का रहने वाला अबुलेश आलम है। एसटीएफ ने ऐसे 727 बैंक खातों को सीज किया है, जिनमें आठ महीने में 867 ट्रांजेक्शन करके 2.77 करोड़ की साइबर ठगी का रुपया भेजा गया है। एसटीएफ को जांच में 18 वर्चुअल नंबर संचालित मिले हैं। 

प्रदेश के साथ ही पंजाब व दिल्ली के विधायकों से जून-जुलाई में रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी नहीं देने पर उनकी हत्या की धमकी दी गई थी। प्रदेश में सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार, साढ़ौरा (यमुनानगर) विधायक रेणु बाला, सफीदों (जींद) विधायक सुभाष गांगोली, सोहना (गुरुग्राम) विधायक संजय सिंह के साथ ही पंजाब व दिल्ली के पूर्व विधायकों को लारेंस बिश्नोई व नीरज बवाना के नाम से धमकियां दी गई थीं।

यह धमकियां मध्य एशियाई देश और पाकिस्तान के नंबरों से दी गई थीं। इनके अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे। विधायकों को धमकी मिलने पर विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। इसके चलते गृहमंत्री अनिल विज ने प्रदेश में इन मामलों की जांच एसटीएफ को सौंपी थी। जिसके बाद छह आरोपियों को दबोचा गया था। एसटीएफ ने मामले से पर्दा उठा दिया था। 

एसटीएफ के हवलदार तक को मिल गई थी धमकी 
विधायकों को धमकी देने के अंदाज में एसटीएफ के हवलदार अमित कुमार को भी पाकिस्तान व दुबई से रंगदारी मांगने के साथ ही धमकी दी गई थीं। इस मामले में एसटीएफ की आठ टीमों ने छापामारी शुरू की थी। एसटीएफ ने शुरुआत में छह आरोपियों को हवलदार को धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने पूछताछ में विधायकों से रंगदारी मांगना और धमकी देना भी स्वीकार किया था। इनको एसटीएफ सोनीपत ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।

एसटीएफ के सुमित कुहाड़ ने बताया कि इस मामले में अमित यादव उर्फ राधेश्याम यादव, सद्दीक अनवर, सनोज कुमार, कैश आलम, दुलेश आलम, बदरे आलम व अबुलेश आलम को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से मोबाइल, नकदी, चेकबुक, पासबुक, दर्जनभर डेबिट कार्ड, मोबाइल सिम बरामद किए गए थे।

इनके मोबाइल में 18 वर्चुअल नंबर संचालित पाए गए थे। यह नंबर विदेशों से संचालित होते मिले। एसटीएफ ने आरोपी इकबाल कैश आलम व सद्दीक के मध्य एशियाई देशों से सीधे संबंध पाए गए। इनमें सऊदी अरब में राकेश से और पाकिस्तान में अली, नजीर, वसीम, शब्बीर, इमरान, एमडी खान व रफीक से लगातार संपर्क होने का पता लगा। यह सभी आपस में मिलकर साजिश के तहत विधायकों के मोबाइल नंबर व मेल, फेसबुक, व्हाट्सएप से गैंगस्टर के नाम से कॉल और चैट से धमकी देकर रुपये वसूलने का प्रयास कर रहे थे। 

ऐसे करते थे ठगी
एसटीएफ के आईजी सतीश बालन ने बताया कि इस गैंग का सरगना अबुलेश आलम केबीसी, शून्य ब्याज पर ऋण देने और ओटीपी पूछकर साइबर ठगी करता था। आलम ने अमित उर्फ राधेश्याम व अपने छोटे भाई दुलेश आलम को ठगी का यह धंधा सिखाकर विदेशों में बैठे अपने गैंग के गुर्गों से उनका संपर्क करा दिया था। गिरफ्तार आरोपी कैश आलम तीन साल दुबई में रह चुका है। यह विदेश में बैठे अपने साथी इकबाल, वसीम, अली व नाजीर के साथ व्हाट्सएप चैट के माध्यम से आठ महीने में कुल 727 बैंक खातों में 867 ट्रांजेक्शन के जरिये 2.77 करोड़ का लेनदेन कर चुके हैं। 

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हरियाणा में विधायकों को धमकी देने के मामले की जांच कर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने खुलासा किया है कि आरोपी पाकिस्तान व एक अन्य देश से हवाला के माध्यम से रुपयों का लेनदेन करते थे। वह केबीसी और अन्य माध्यमों से लोगों को झांसा देकर साइबर ठगी करते थे। बाद में हवाला के जरिये पाकिस्तान व अन्य देश में भेज देते थे।

जांच में पता लगा कि  गैंग का मुख्य सरगना बिहार का रहने वाला अबुलेश आलम है। एसटीएफ ने ऐसे 727 बैंक खातों को सीज किया है, जिनमें आठ महीने में 867 ट्रांजेक्शन करके 2.77 करोड़ की साइबर ठगी का रुपया भेजा गया है। एसटीएफ को जांच में 18 वर्चुअल नंबर संचालित मिले हैं। 

प्रदेश के साथ ही पंजाब व दिल्ली के विधायकों से जून-जुलाई में रंगदारी मांगी गई थी। रंगदारी नहीं देने पर उनकी हत्या की धमकी दी गई थी। प्रदेश में सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार, साढ़ौरा (यमुनानगर) विधायक रेणु बाला, सफीदों (जींद) विधायक सुभाष गांगोली, सोहना (गुरुग्राम) विधायक संजय सिंह के साथ ही पंजाब व दिल्ली के पूर्व विधायकों को लारेंस बिश्नोई व नीरज बवाना के नाम से धमकियां दी गई थीं।

यह धमकियां मध्य एशियाई देश और पाकिस्तान के नंबरों से दी गई थीं। इनके अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए थे। विधायकों को धमकी मिलने पर विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थे। इसके चलते गृहमंत्री अनिल विज ने प्रदेश में इन मामलों की जांच एसटीएफ को सौंपी थी। जिसके बाद छह आरोपियों को दबोचा गया था। एसटीएफ ने मामले से पर्दा उठा दिया था। 

एसटीएफ के हवलदार तक को मिल गई थी धमकी 

विधायकों को धमकी देने के अंदाज में एसटीएफ के हवलदार अमित कुमार को भी पाकिस्तान व दुबई से रंगदारी मांगने के साथ ही धमकी दी गई थीं। इस मामले में एसटीएफ की आठ टीमों ने छापामारी शुरू की थी। एसटीएफ ने शुरुआत में छह आरोपियों को हवलदार को धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने पूछताछ में विधायकों से रंगदारी मांगना और धमकी देना भी स्वीकार किया था। इनको एसटीएफ सोनीपत ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी।

एसटीएफ के सुमित कुहाड़ ने बताया कि इस मामले में अमित यादव उर्फ राधेश्याम यादव, सद्दीक अनवर, सनोज कुमार, कैश आलम, दुलेश आलम, बदरे आलम व अबुलेश आलम को गिरफ्तार किया था। आरोपियों से मोबाइल, नकदी, चेकबुक, पासबुक, दर्जनभर डेबिट कार्ड, मोबाइल सिम बरामद किए गए थे।

इनके मोबाइल में 18 वर्चुअल नंबर संचालित पाए गए थे। यह नंबर विदेशों से संचालित होते मिले। एसटीएफ ने आरोपी इकबाल कैश आलम व सद्दीक के मध्य एशियाई देशों से सीधे संबंध पाए गए। इनमें सऊदी अरब में राकेश से और पाकिस्तान में अली, नजीर, वसीम, शब्बीर, इमरान, एमडी खान व रफीक से लगातार संपर्क होने का पता लगा। यह सभी आपस में मिलकर साजिश के तहत विधायकों के मोबाइल नंबर व मेल, फेसबुक, व्हाट्सएप से गैंगस्टर के नाम से कॉल और चैट से धमकी देकर रुपये वसूलने का प्रयास कर रहे थे। 

ऐसे करते थे ठगी

एसटीएफ के आईजी सतीश बालन ने बताया कि इस गैंग का सरगना अबुलेश आलम केबीसी, शून्य ब्याज पर ऋण देने और ओटीपी पूछकर साइबर ठगी करता था। आलम ने अमित उर्फ राधेश्याम व अपने छोटे भाई दुलेश आलम को ठगी का यह धंधा सिखाकर विदेशों में बैठे अपने गैंग के गुर्गों से उनका संपर्क करा दिया था। गिरफ्तार आरोपी कैश आलम तीन साल दुबई में रह चुका है। यह विदेश में बैठे अपने साथी इकबाल, वसीम, अली व नाजीर के साथ व्हाट्सएप चैट के माध्यम से आठ महीने में कुल 727 बैंक खातों में 867 ट्रांजेक्शन के जरिये 2.77 करोड़ का लेनदेन कर चुके हैं। 

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