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गांव मदनहेड़ी निवासी अमन समेत देश के 16 युवकों के परिजनों ने केंद्र सरकार से रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे परिजनों को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाई है। प्रभावित परिवारों ने तीन नवंबर को दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना देने की घोषणा की है।
इन युवकों को पिछले साल वैध स्टडी वीजा पर रूस भेजा गया था लेकिन अमन की मां सुमन और भाई आशीष समेत अन्य परिजनों का आरोप है कि एजेंटों ने उन्हें धोखे से रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में धकेल दिया है। इससे उनकी जान को खतरा है।
परिजनों का कहना है कि रूस पहुंचने के बाद एजेंटों ने इन युवकों को सेना प्रशिक्षण लेने और युद्ध में तैनात होने के लिए मजबूर किया। अब अधिकतर परिवारों का अपने परिजनों से संपर्क टूट गया है। इन 16 युवकों में हरियाणा के जिला हिसार, फतेहाबाद, रोहतक, जींद समेत पंजाब, राजस्थान और जम्मू के निवासी युवा शामिल हैं।
इनमें हिसार के गांव मदनहेड़ी निवासी सोनू, अमन, फतेहाबाद के विजय सिंह, अंकित, रोहतक के संदीप, जींद के अनूप कुमार, जयपुर के मनोज सिंह शेखावत, बीकानेर के अजय कुमार, सीकर के संदीप सुंडा, डीडवाना के महावीर प्रसाद, कुचामन के सुरेंद्र दहिया, जम्मू के सचिन खजूरिया, सुमित शर्मा आदि शामिल हैं।
मदनहेड़ी के सोनू की हो चुकी है मौत
रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे मदनहेड़ी के सोनू की मौत हो चुकी है। उसका शव परिजनों को मिल चुका है लेकिन अमन का पता नहीं चल सका है। परिवारों का कहना है कि उनके बच्चे सैनिक नहीं, बल्कि निर्दोष छात्र हैं जो शिक्षा के लिए विदेश गए थे। उन्हें आशंका है कि इन युवकों को युद्ध में ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। परिजनों ने भारत सरकार से राजनयिक हस्तक्षेप कर सभी युवकों की सुरक्षित और शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने की मांग की है।
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Haryana: रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसा हिसार के गांव मदनहेड़ी का अमन, परिजनों ने स्वदेश लाने की लगाई गुहार


