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राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने राजकीय पीजी कॉलेज अंबाला कैंट में सरकारी खरीद नियमों के उल्लंघन, सरकारी धन के गबन और फर्जीवाड़ा सहित अन्य गंभीर आरोपों में तत्कालीन प्रिंसिपल, सहायक प्रोफेसर और वेंडरों सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन पर करोड़ों रुपये का बंदरबांट करने के आरोप लगे हैं।
एसीबी के डीएसपी ओम प्रकाश की तहरीर पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले में तत्कालीन प्राचार्य अरुण जोशी, पूर्व प्राचार्य खुशीला, वर्तमान प्राचार्य देशराज बाजवा (तत्कालीन ब्रूशर ) , सहायक प्रोफेसर इतिहास अतुल यादव, सहायक प्रोफेसर भूगोल अजय चौहान, सहायक प्रोफेसर अंग्रेजी मुनीष त्रिगठिया, वेंडर राकेश कालरा, राकेश कुमार, आशीष और प्रिंसिपल संजय कुमार का नाम है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है।
करनाल निवासी ने की थी वर्ष 2024 में शिकायत
इस मामले की शिकायत करनाल निवासी रमेश अहलावत ने एसीबी को 5 जून 2024 को ईमेल के माध्यम से भेजी थी। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित एक तथ्य-खोज समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर जांच के आदेश दिए गए। समिति ने इसे बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी व गबन की संभावना मानते हुए मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से कराने की सिफारिश की थी। सरकार के मुख्य सचिव ने एसीबी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया। दर्ज मामले की आगे की जांच महिला निरीक्षक नन्ही देवी को सौंपी गई है।
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