Haryana: मानव संसाधन विभाग के हाथ में आए भर्ती नीतियों और कर्मचारियों से जुड़े काम, मुख्य सचिव ने दी मंजूरी 


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हरियाणा सरकार ने मानव संसाधन विभाग यानि एचआरडी को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। हरियाणा लोक सेवा आयोग, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और लाखों कर्मचारियों से जुड़े सारे काम अब यही विभाग देखेगा। सरकार ने जीएडी : सामान्य प्रशासन विभाग, कार्मिक प्रशिक्षण विभाग और प्रशासनिक सुधार विभाग से इन कामों का जिम्मा वापस ले लिया है।

मुख्य सचिव की मंजूरी, परामर्श के लिए अब कर्मचारियों और भर्ती नीति से जुड़े मामलों की सारी फाइलें एचआरडी के जरिये ही जाएंगी। प्रदेश सरकार ने यह निर्णय विभाग की कार्यप्रणाली को सुचारू तरीके से चलाने के मद्देनजर लिया है। अभी तक कर्मचारी की सेवा से जुड़े मामले, सेवा शर्तें और एचएसएससी के सभी मामलों को अभी तक सामान्य प्रशासन विभाग देखता आ रहा था।

एचपीएससी और अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रशिक्षण के मामले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पास थे। स्टाफ प्रशिक्षण इकाई अब तक प्रशासन सुधार विभाग के अधीन थी। अब सरकार ने ये सारे काम मानव संसाधन विभाग को सौंप दिए हैं। मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों-सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों, मंडलायुक्तों, डीसी और सभी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को कहा है कि अब सारी फाइल सामान्य प्रशासन विभाग के बजाय एचआरडी के जरिये मुख्य सचिव को भेजें।

एचआरडी की शाखाओं में ऐसे बंटे काम

शाखा एक : कर्मचारियों की प्रोबेशन, कंफर्मेशन, वरिष्ठता सूची, विभागीय परीक्षा व कंप्यूटर टेस्ट, पदोन्नति नीति, ऑनलाइन तबादला नीति, समय पूर्व सेवानिवृत्ति, एसीआर, विपरीत टिप्पणी, निलंबन, आचार संहिता, यौन शोषण, पुनर्नियुक्ति, एलटीसी, नियमितीकरण नीति, मॉडल सर्विस रूल्स, बोर्ड-निगम-आयोग के सर्विस बायलॉज।

शाखा दो : संयुक्त प्रवेश परीक्षा, भर्ती नीति, सामाजिक-आर्थिक मानदंड, प्रतीक्षा सूची, सीधी भर्ती का ज्वाइनिंग समय। एक्सग्रेसिया नीति, एचपीएससी, एचएसएससी से जुड़े मामले, अनुकंपा आधारित नियुक्तियां।

शाखा तीन : ज्वाइनिंग पूर्व शर्तें, चरित्र व पूर्व जीवन सत्यापन, सरकारी सेवाओं में प्रवेश की आयु, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता, आउटसोर्सिंग नीति, आरक्षण नीति, मूल निवासी प्रमाण पत्र, खिलाड़ियों-दिव्यांग इत्यादि से जुड़े मामले, हरियाणा कौशल रोजगार निगम, डीसी रेट तय करना।

कॉमन कैडर शाखा एक व दो : कॉमन कैडर ग्रुप सी-डी की स्थापना, ग्रुप-डी एक्ट 2018 में संशोधन इत्यादि। ग्रुप-सी कर्मियों से संबंधित विधेयक का प्रारूप, आरटीआई मामले।

विस्तार

हरियाणा सरकार ने मानव संसाधन विभाग यानि एचआरडी को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। हरियाणा लोक सेवा आयोग, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और लाखों कर्मचारियों से जुड़े सारे काम अब यही विभाग देखेगा। सरकार ने जीएडी : सामान्य प्रशासन विभाग, कार्मिक प्रशिक्षण विभाग और प्रशासनिक सुधार विभाग से इन कामों का जिम्मा वापस ले लिया है।

मुख्य सचिव की मंजूरी, परामर्श के लिए अब कर्मचारियों और भर्ती नीति से जुड़े मामलों की सारी फाइलें एचआरडी के जरिये ही जाएंगी। प्रदेश सरकार ने यह निर्णय विभाग की कार्यप्रणाली को सुचारू तरीके से चलाने के मद्देनजर लिया है। अभी तक कर्मचारी की सेवा से जुड़े मामले, सेवा शर्तें और एचएसएससी के सभी मामलों को अभी तक सामान्य प्रशासन विभाग देखता आ रहा था।

एचपीएससी और अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रशिक्षण के मामले कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पास थे। स्टाफ प्रशिक्षण इकाई अब तक प्रशासन सुधार विभाग के अधीन थी। अब सरकार ने ये सारे काम मानव संसाधन विभाग को सौंप दिए हैं। मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों-सार्वजनिक उपक्रमों के प्रबंध निदेशकों, मुख्य प्रशासकों, मंडलायुक्तों, डीसी और सभी यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को कहा है कि अब सारी फाइल सामान्य प्रशासन विभाग के बजाय एचआरडी के जरिये मुख्य सचिव को भेजें।

एचआरडी की शाखाओं में ऐसे बंटे काम

शाखा एक : कर्मचारियों की प्रोबेशन, कंफर्मेशन, वरिष्ठता सूची, विभागीय परीक्षा व कंप्यूटर टेस्ट, पदोन्नति नीति, ऑनलाइन तबादला नीति, समय पूर्व सेवानिवृत्ति, एसीआर, विपरीत टिप्पणी, निलंबन, आचार संहिता, यौन शोषण, पुनर्नियुक्ति, एलटीसी, नियमितीकरण नीति, मॉडल सर्विस रूल्स, बोर्ड-निगम-आयोग के सर्विस बायलॉज।

शाखा दो : संयुक्त प्रवेश परीक्षा, भर्ती नीति, सामाजिक-आर्थिक मानदंड, प्रतीक्षा सूची, सीधी भर्ती का ज्वाइनिंग समय। एक्सग्रेसिया नीति, एचपीएससी, एचएसएससी से जुड़े मामले, अनुकंपा आधारित नियुक्तियां।

शाखा तीन : ज्वाइनिंग पूर्व शर्तें, चरित्र व पूर्व जीवन सत्यापन, सरकारी सेवाओं में प्रवेश की आयु, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता, आउटसोर्सिंग नीति, आरक्षण नीति, मूल निवासी प्रमाण पत्र, खिलाड़ियों-दिव्यांग इत्यादि से जुड़े मामले, हरियाणा कौशल रोजगार निगम, डीसी रेट तय करना।

कॉमन कैडर शाखा एक व दो : कॉमन कैडर ग्रुप सी-डी की स्थापना, ग्रुप-डी एक्ट 2018 में संशोधन इत्यादि। ग्रुप-सी कर्मियों से संबंधित विधेयक का प्रारूप, आरटीआई मामले।

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