हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस को वोट चोर कहने की आदत हो गई है। उन्होंने कहा कि ये वही मतदाता सूचियां हैं जिनके आधार पर कांग्रेस भी चुनाव लड़ती और जीतती रही है। यदि कांग्रेस इस मुद्दे पर ईमानदार है, तो जिन-जिन सीटों से उसके विधायक जीते हैं, उन सभी विधायकों को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वे भी इन्हीं मतदाता सूचियों से आए वोटों से विजयी हुए हैं।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को वोट से जुड़े मुद्दे पर नोटिस भेजे जाने संबंधी प्रश्न पर विज ने कहा कि राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी से जुड़े वोट अनियमितता के कई मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी एक चुनावी मामले में उनकी सीट रद्द किए जाने का निर्णय जस्टिस जे.एम.एल. सिन्हा ने दिया था, जो रिकॉर्ड पर उपलब्ध है।
विज ने आगे कहा कि सोनिया गांधी बाद में भारतीय नागरिक बनीं, जबकि मतदान उन्होंने पहले ही शुरू कर दिया था। साथ ही उन्होंने 1946 में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश समितियों को मतदान करना था, और 17 में से 12 समितियों ने सरदार पटेल को चुना था, जबकि अन्य ने आचार्य कृपलानी समेत कुछ और नामों को वोट दिया था। पंडित जवाहरलाल नेहरू को कोई वोट नहीं मिला था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया गया।