नियमों को पूरा करने वाली अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए हरियाणा सरकार ने छह माह की डेडलाइन तय कर दी है। फैसले के तहत आगामी 3 माह तक नगर पालिकाएं, परिषद और निगम अपने-अपने क्षेत्र में कॉलोनियों को वैध करने के लिए अपने प्रस्ताव भेज सकेंगी। इसके तीन महीने में सरकार इनको नियमित करने का कार्य करेगी। यह जानकारी प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने सदन में दी। वह यहां प्रश्नकाल के दौरान नारनौंद विधायक रामकुमार गौतम के सवाल का जवाब दे रहे थे।
डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग से लगभग 2176 कॉलोनियों के लेआउट प्लान प्राप्त हुए हैं, जो अधिनियम और मानदंडों के अनुसार आगे की आवश्यक कार्रवाई करने के लिए संबंधित नगर पालिकाओं को भी अग्रेषित कर दिए गए हैं। अब तक 11 नगर पालिकाओं में 212 कॉलोनियां पास की जा चुकी हैं।
नगर पालिकाएं ऐसी कॉलोनियां के ले-आउट प्लान का सत्यापन भी मानदंडों के अनुसार कर रही है। विभाग को हाल ही में 22 कॉलोनियों पर 4 नगर पालिकाओं ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। उन्होंने कहा कि नियमों को पूरा करने वाली कॉलोनियों को संबंधित नगर निकाय से संकल्प प्राप्ति के उपरांत अधिसूचित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि सभी डीएमसी को निर्देश दिए जाएंगे कि वह आगामी 3 में लंबित प्रस्ताव सरकार के पास भेजें और इसके बाद सरकार इन पर काम करेगी। गौरतलब है कि हरियाणा में हजारों की संख्या में अवैध कॉलोनियां हैं और लाखों की संख्या में लोग यहां पर रह रहे हैं लेकिन उनको सुविधाएं नहीं मिल रही है। पिछले कई साल से यह मुद्दा उठाया जा रहा है।
50 से 75 प्रतिशत निर्माण की शर्त हटाई
हरियाणा सरकार ने कॉलोनियों को वैध कराने के लिए कानून में संशोधन कर राहत भी दी है। पहले कॉलोनी को वैध करने के लिए 50 प्रतिशत और 75 प्रतिशत प्लॉटों पर निर्माण कार्य होने की शर्त थी लेकिन नए संशोधन के तहत इस शर्त को हटा दिया है। इसके अलावा, सभी कॉलोनियों को श्रेणीवार ग्रुप में बांटा गया है, जिनमें 25 प्रतिशत तक निर्मित क्षेत्र वाली कॉलोनियां, 25 से 50 प्रतिशत के बीच, 50 से 75 प्रतिशत के बीच तथा 75 प्रतिशत से अधिक निर्मित क्षेत्र वाली कॉलोनियां शामिल हैं।
कॉलोनी काटी तो नोटिस नहीं, प्लॉट बेचते ही नोटिस: गौतम
विधायक रामकुमार गौतम ने बताया कि अवैध कॉलोनियों के मामले में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की घोर लापरवाही है। जब अवैध कॉलोनी काटी जाती है तब विभाग कुछ नहीं करता है। जब कॉलोनी आबाद हो जाती है तो नोटिस भेजे जाते हैं। गौतम ने खुद का उदाहरण दिया कि उन्होंने तीन एकड़ में प्लॉट काटे, उस समय कुछ नहीं किया, जैसे ही विधायक बना तो नोटिस भेज दिया। विधायक ने मांग की है कि अवैध कॉलोनियों में रहने वालों से विकास शुल्क लेकर उनको सुविधाएं दी जाएं।
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नियमों को पूरा करने वाली अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए हरियाणा सरकार ने छह माह की डेडलाइन तय कर दी है। फैसले के तहत आगामी 3 माह तक नगर पालिकाएं, परिषद और निगम अपने-अपने क्षेत्र में कॉलोनियों को वैध करने के लिए अपने प्रस्ताव भेज सकेंगी। इसके तीन महीने में सरकार इनको नियमित करने का कार्य करेगी। यह जानकारी प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कमल गुप्ता ने सदन में दी। वह यहां प्रश्नकाल के दौरान नारनौंद विधायक रामकुमार गौतम के सवाल का जवाब दे रहे थे।
डॉ. कमल गुप्ता ने कहा कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग से लगभग 2176 कॉलोनियों के लेआउट प्लान प्राप्त हुए हैं, जो अधिनियम और मानदंडों के अनुसार आगे की आवश्यक कार्रवाई करने के लिए संबंधित नगर पालिकाओं को भी अग्रेषित कर दिए गए हैं। अब तक 11 नगर पालिकाओं में 212 कॉलोनियां पास की जा चुकी हैं।
नगर पालिकाएं ऐसी कॉलोनियां के ले-आउट प्लान का सत्यापन भी मानदंडों के अनुसार कर रही है। विभाग को हाल ही में 22 कॉलोनियों पर 4 नगर पालिकाओं ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है। उन्होंने कहा कि नियमों को पूरा करने वाली कॉलोनियों को संबंधित नगर निकाय से संकल्प प्राप्ति के उपरांत अधिसूचित किया जाता है।
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