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महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के अधिकारियों लिखित में ब्यान देते हुए परिजन।
– फोटो : संवाद
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हरियाणा के जींद में बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय की टीम ने बुधवार को एक नाबालिग को वधू बनने से बचा लिया। टीम ने न सिर्फ नाबालिग की शादी रुकवाई, बल्कि परिजनों को बाल विवाह अधिनियम की जानकारी दी। परिजनों ने आश्वासन दिया कि अब वे बालिग होने पर ही बेटी का विवाह कराएंगे। इसके बाद बरात बिना दुल्हन के वापस लौट गई।
बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि क्षेत्र के एक गांव में एक नाबालिग की शादी करवाई जा रही है। बरात फतेहाबाद जिले से आई है। इस पर कार्रवाई करते हुए सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान, महिला सिपाही आरती, नीलम, सिपाही सुरेंद्र, ओमप्रकाश के साथ वे मौके पर पहुंचे। टीम ने बालिका के परिवार वालों से जन्म से संबंधित कागजात मांगे तो पहले परिजनों ने टाल मटोल की कोशिश की, और शादी नहीं होने की बात कही।
मौजिज व्यक्तियों को बुलाया गया तो एक घंटे बाद सबूत दिखाए। कागजात में बालिका की उम्र 17 वर्ष निकली। दूल्हा बालिग मिला। परिजनों ने बताया बालिका के माता-पिता निरक्षर हैं। पिता बीमार रहते हैं, उन्हें किसी कानून की जानकारी नहीं है। इस पर सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने परिजनों को समझाया। परिवार ने लिखित बयान दिए कि वह कानून का पालन करेंगे और बालिग होने पर ही बेटी के हाथ पीले कराएंगे।
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