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सावित्री जिंदल
– फोटो : संवाद
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जिंदल परिवार को भाजपा में शामिल करने के बाद इस बार हिसार सीट पर हार-जीत राजनीतिक रूप से कद्दावर इस परिवार और भाजपा का राजनीतिक भविष्य को तय करेगी। हिसार विधानसभा सीट से पांच बार जीत चुका जिंदल परिवार और दो बार से विधायक डॉ. कमल गुप्ता के लिए इस बार भाजपा को जीत दिलाना सबसे बड़ी चुनौती है। वर्ष 2019 के चुनाव में हिसार एयरपोर्ट सबसे बड़ा मुद्दा था।
चुनाव आचार संहिता लागू होने से महज कुछ दिन पहले ही हिसार एयरपोर्ट से छोटे हवाई जहाज की ट्रायल उड़ान शुरू की गई। डॉ. कमल गुप्ता ने पिछले चुनाव में हिसार एयरपोर्ट को पूरी तरह से विकसित करने की घोषणा थी, लेकिन अब तक मुकाम तक नहीं पहुंची। नए बस अड्डे, इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की घोषणा पर भी कुछ नहीं हुआ। पार्किंग स्थल बनाना, कचरे का निस्तारण, यातायात सुचारू करने के लिए नई सड़कों का निर्माण, शहर को फाटक मुक्त बनाने के काम भी पूरे नहीं हो सके। बेसहारा पशु, सीवरेज की समस्या ज्यों की त्यों है।
ये सब मुद्दे जनता की जुबां पर हैं और इनके समाधान के लिए अक्सर प्रदर्शन करते रहे हैं। ऐसे में इस सीट से 9 बार जीत चुकी कांग्रेस खोई जमीन को हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगाएगी। हिसार से डॉ. कमल गुप्ता के अलावा सावित्री जिंदल, पूर्व मेयर गौतम सरदाना और तरूण जैन टिकट के प्रबल दावेदरा हैं। कांग्रेस से रामनिवास राड़ा, बजरंग गर्ग, अशोक मंगालीवाला, हनुमान ऐरन का नाम सबसे ऊपर है। आम आदमी पार्टी भी किसी अग्रवाल को मैदान में उतार सकती है। जजपा तथा इनेलो से अभी कोई नामचीन चेहरा सामने नहीं है।
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Haryana: जिंदल परिवार और भाजपा का राजनीतिक भविष्य को तय करेगी हिसार में हार-जीत, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट