“_id”:”66ea3a48477742f8e801c59e”,”slug”:”candidates-decreased-in-indri-gharaunda-and-increased-in-nilokhedi-and-karnal-karnal-news-c-18-knl1008-477641-2024-09-18″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Haryana: इंद्री-घरौंडा में घटे तो नीलोखेड़ी और करनाल में बढ़े प्रत्याशी, चार चुनावों से घट रही महिला उम्मीदवार”,”category”:”title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”
केंद्र सरकार ने भले ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आरक्षण दिया हो लेकिन चार चुनावों में नीलोखेड़ी में महिला प्रत्याशियों की संख्या हर बार घट रही है। जबकि घरौंडा विधानसभा क्षेत्र से तो 2009 के बाद कोई महिला चुनाव मैदान में नहीं उतरी।
हरियाणा विधानसभा चुनाव – फोटो : संवाद
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हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए बिसात बिछ चुकी है और मैदान में उतरे प्रत्याशियों ने भी प्रचार तेज कर दिया है। लेकिन जिले की स्थिति यह है कि यहां कुछ विधानसभा क्षेत्रों से चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या घटती जा रही है तो वहीं कुछ जगह क्रेज बढ़ा भी है। पिछले 20 वर्ष यानी चार चुनावों की तुलना करें तो इंद्री और घरौंडा में प्रत्याशी पिछले चुनावों के मुकाबले घटे हैं। जबकि नीलोखेड़ी और करनाल में प्रत्याशियों की संख्या बढ़ी है।
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केंद्र सरकार ने भले ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आरक्षण दिया हो लेकिन चार चुनावों में नीलोखेड़ी में महिला प्रत्याशियों की संख्या हर बार घट रही है। जबकि घरौंडा विधानसभा क्षेत्र से तो 2009 के बाद कोई महिला चुनाव मैदान में नहीं उतरी। यहां अंतिम बार 2005 में दो महिलाओं ने चुनाव लड़ा और रेखा राणा जीतकर विधायक बनीं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो 1996 और 2014 का चुनाव ही ऐसा रहा, जहां सभी सीटों पर अब तक के सर्वाधिक प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे। कहीं 25 लोगों ने ताल ठोकी तो कहीं 35 का आंकड़ा पार हुआ। हरियाणा गठन से लेकर 2024 के चुनाव तक खत्म हो चुकी जुंडला सीट समेत सभी छह सीटों पर 974 प्रत्याशियों ने विधानसभा जाने के लिए ताल ठोकी। इनमें से 72 को ही सफलता मिल पाई। वहीं अब तक हुए चुनावों में महज 53 महिलाएं ही चुनाव लड़ चुकी हैं।
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Haryana: इंद्री-घरौंडा में घटे तो नीलोखेड़ी और करनाल में बढ़े प्रत्याशी, चार चुनावों से घट रही महिला उम्मीदवार