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मूंग दाल, हरे चने, लौकी और गाजर के हलवे ठंड के मौसम में खास पसंद किए जाते हैं. सही सामग्री, धैर्य और कुछ छोटे-छोटे टिप्स अपनाकर इन्हें घर पर भी हलवाई जैसा स्वादिष्ट और लाजवाब बनाया जा सकता है. आइए जानते है इसकी रेसिपी….
मूंग दाल, हरे चने, लौकी और गाजर के हलवे को खास बनाने के लिए सही सामग्री, धैर्य से भूनना और छोटे-छोटे टिप्स अपनाना जरूरी है. ठंड में गरमागरम हलवे का स्वाद दिल और पेट, दोनों को तृप्त करता है.

भीगी मूंग दाल को घी और सूजी के साथ धीमी आंच पर खूब भूनें. फिर दूध और चीनी की चाशनी डालकर पकाएं. ड्राई फ्रूट मिलाकर गरमागरम सर्व करें। इसका स्वाद बारिश में और भी लाजवाब लगता है.

हरे चनों का पेस्ट घी में भूनकर दूध, चीनी, मावा और मेवे डालकर पकाएं. यह हलवा बरसात और सर्दियों में खास बनता है और स्वाद के साथ सेहत भी देता है. राजस्थानी रसोई में यह बहुत मशहूर है.

कद्दूकस की हुई लौकी को घी में भूनकर दूध डालकर पकाएं. चीनी, मावा और मेवे मिलाकर सूखने तक पकाएं. हरे रंग के लिए लौकी की सिर्फ बाहरी परत लें और तुरंत घी में भूनें.

देसी घी में भूनने से लौकी का हरा रंग अच्छा आता है. बीज और सफेद भाग का उपयोग न करें. लौकी को कद्दूकस करते ही तुरंत भूनना जरूरी है, वरना रंग काला हो जाता है.

अच्छी क्वालिटी और गहरे रंग की गाजर लें. बीच का हल्का हिस्सा हटा दें. पहले घी में भूनें, फिर दूध और चीनी डालें. मावा और मेवे आखिर में डालने से स्वाद बढ़ता है.

गाजर के हलवे में बेहतर रंग के लिए एक छोटा कद्दूकस किया हुआ चुकंदर मिला सकते हैं. इससे हलवे का रंग गहरा और आकर्षक हो जाता है, जबकि स्वाद पर कोई फर्क नहीं पड़ता.

गाजर और लौकी के हलवे का असली मजा तभी आता है जब उससे धीरे-धीरे से भूनकर पकाया जाए. सही सामग्री, सही मात्रा और छोटे-छोटे टिप्स अपनाने से हलवा हलवाई जैसा बनता है.
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