[ad_1]
तत्कालीन डीआईपीआरओ शामिल, दर्ज हो चुका है केस
संवाद न्यूज एजेंसी
नूंह। हरियाणा के नूंह जिले में सरकारी खजाने से 40.51 लाख रुपये के संदिग्ध भुगतानों का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घोटाला महालेखाकार, हरियाणा की ऑडिट रिपोर्ट में उजागर हुआ है। इसमें पाया गया कि वर्ष 2019 से 2020 के बीच नूंह सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय से लाखों रुपये ऐसे व्यक्तियों के नाम पर जारी किए गए, जो असल में मौजूद ही नहीं थे। ऑडिट रिपोर्ट आने के बाद जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी नूंह ने 13 अक्तूबर 2025 को थाना सिटी नूंह में तीन अधिकारियों पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में एफआईआर नंबर 240 दर्ज की है। आरोपियों के खिलाफ धारा 420 (धोखाधड़ी) और 409 (आपराधिक विश्वासघात) के तहत केस दर्ज किया गया है।
ऑडिट रिपोर्ट में दर्ज तथ्यों के अनुसार अगस्त 2019 से जून 2020 के बीच 14 संदिग्ध भुगतान किए गए, जिनकी कुल राशि 40 लाख 51 हजार रुपये थी। जांच में सामने आया कि यह रकम 10 काल्पनिक व्यक्तियों के खातों में भेजी गई थी, जिनके नाम वास्तविक कर्मचारियों से मिलते-जुलते थे, लेकिन उनके पैन नंबर, बैंक अकाउंट और पते पूरी तरह भिन्न थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इन भुगतानों से जुड़ी स्वीकृति फाइलें और बिल-वाउचर कार्यालय में मौजूद ही नहीं मिले
इन तीन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
ऑडिट में पाया गया कि संदिग्ध अवधि के दौरान तीन अधिकारी नूंह कार्यालय में कार्यरत थे। जिनमें सुरेश गुप्ता, तत्कालीन जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी (अब सेवानिवृत्त), हिना विरमानी, तत्कालीन लेखा सहायक (वर्तमान में फरीदाबाद में तैनात) और कृष्ण कुमार, तत्कालीन क्लर्क (वर्तमान में कोसली में कार्यरत)। रिपोर्ट में इन तीनों को भुगतान प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भूमिका निभाने वाला बताया गया है। कई भुगतान बिना स्वीकृति आदेशों के किए गए और रकम फर्जी खातों में ट्रांसफर की गई।
रिश्वतखोरी का भी खुलासा
महालेखाकार की रिपोर्ट में एक अन्य ऑब्जर्वेशन में यह भी दर्ज है कि उसी अवधि में कृष्ण कुमार क्लर्क ने कार्यालय के एक कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसकी विधवा से 60 हजार रुपये की रिश्वत मांगने और प्राप्त करने की शिकायत भी सामने आई थी। बताया गया कि संबंधित क्लर्क ने महिला से व्यक्तिगत लाभ के लिए यह रकम मांगी थी।
एफआईआर दर्ज, जांच जारी
जांच अधिकारी एसआई अजीत सिंह के अनुसार, प्राथमिक जांच में ऑडिट रिपोर्ट के तथ्य सही पाए गए हैं। बैंक लेन-देन और दस्तावेजों की जांच चल रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक हलकों में मचा हड़कंप
मामले के सामने आने के बाद नूंह जिले के प्रशासनिक और वित्तीय विभागों में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इस घोटाले की जड़ें चंडीगढ़ तक जा सकती हैं, क्योंकि जिन खातों में भुगतान किए गए, उनके फर्जी पे कोड वहीं से जारी किए गए थे। गौरतलब है कि इस मद का बजट भी चंडीगढ़ से ही रिलीज किया जाता है।
[ad_2]
Gurugram News: 40.51 लाख रुपये के घोटाले में 3 अधिकारियों पर जांच की आंच


