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डीएलएफ क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के बिना लौटी टीम
अमर उजाला ब्यूरो
गुरुग्राम। डीएलएफ फेज एक से पांच में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधि संचालित करने वाले मकान मालिकों को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को फौरी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुनवाई करते हुए सरकार से चार सप्ताह तक ऐसे भवनों पर कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा है। ऐसे में डीटीपीई की टीम बिना कार्रवाई के लौट आई।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर डीएलएफ क्षेत्र में अवैध निर्माणों पर कार्रवाई कर डीटीपीई को दो माह में रिपोर्ट देनी है। इसी को लेकर जिला योजनाकार विभाग की प्रवर्तन शाखा की टीम पुलिस बल के साथ डीएलएफ फेज तीन में शुक्रवार सुबह करीब दस बजे पहुंची और कार्रवाई शुरू की। इस दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध किया और जाम लगाने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस होने के कारण लोग जाम नहीं लगा पाए। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मामले में उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। ऐसे में थोड़ा समय दें और कोर्ट की सुनवाई के बाद कार्रवाई करें। करीब 12 बजे सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक के लिए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। इसके बाद डीटीपीई की टीम डीएलएफ फेज तीन से वापस लौट गई।
डीटीपीई अमित मधोलिया ने बताया कि शुक्रवार से 11 दिन का सीलिंग अभियान बनाया गया था। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में काफी अवैध गतिविधियां हो रही हैं। कई लोगों ने मकानों में दुकानें समेत अन्य कार्य कर रहे हैं। डीटीपीई ने कहा कि कुछ लोगों ने अवैध निर्माण हटाने का भी जवाब दिया है। डीएलएफ फेज तीन आरडब्ल्यूए के प्रधान महेंद्र सिंह ने बताया कि सैकड़ों लोगों के मकानों पर सीलिंग की कार्रवाई लटकी हुई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं, डीएलएफ फेज पांच के कई लोगों ने स्थानीय कोर्ट से स्टे लिया हुआ है। डीटीपीई ने पहले डीएलएफ एरिया के करीब 81 मकानों पर कार्रवाई की थी, इसमें कुछ लोग जिला कोर्ट चले गए थे।
4500 मकानों को जारी किए गए हैं नोटिस
प्रवर्तन टीम ने 4500 से अधिक मकानों को कारण बताओ नोटिस और करीब 2500 मकानों को रेस्टोरेशन यानि खुद सुधार का आदेश दिया हुआ है। डीटीपीई ने इन मकानों के ओसी रद्द करने और सीवर, पानी, बिजली कनेक्शन काटने की भी डीटीपी प्लानिंग को सिफारिश की हुई है। गुरुग्राम के इतिहास में डीएलएफ जैसी पॉश कालोनी में यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई होगी। यह कार्रवाई हाईकोर्ट के 13 फरवरी के आदेश के तहत की जा रही है। फरीदाबाद जिले में अरावली में बसी खोरी गांव में अवैध निर्माण पर कार्रवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर करीब दस हजार मकानों को तोड़ा गया था। अब शहर के सबसे पाॅश इलाके में करीब 4500 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है।
वर्जन-
सुप्रीम कोर्ट से चार सप्ताह तक राहत मिली है। इससे पीड़ितों को अपनी बात सुप्रीम कोर्ट के सामने रखने का मौका मिला है। -अभिनव अरोड़ा, डीएलएफ फेज तीन
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को अगले आदेश तक स्टे कर दिया है। वहीं, जिला स्तर के कोर्ट के भी सभी फैसले बरकरार रहेंगे। -सतपाल यादव, पीड़ित पक्ष के वकील
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Gurugram News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश से डीएलएफ क्षेत्र के 4500 लोगों को राहत