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रोहतक पीजीआई में उपचाराधीन, बंदरों के आतंक से लोग परेशान
संवाद न्यूज एजेंसी
तावडू। क्षेत्र में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे नूंह जिले के सभी नगरों और ग्रामीण क्षेत्र में बंदरों के आतंक से लोग परेशान और भयभीत रहते हैं। ताजा मामले में तावडू नगर में बंदरों के हमले से डरी एक महिला छत की दूसरी मंजिल गिर गई, जिसके दोनों पैर फ्रैक्चर हो गए हैं।महिला को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। इससे पहले बीते सप्ताह नगर के छोटू राम नगर में एक महिला सहित तीन लोगों को बंदरों ने हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया था।
वार्ड नंबर 3 पटौदी रोड पर रहने वाले सोनू गौतम ने बताया कि उनकी पत्नी केशवती छत पर सूख रहे कपड़े उतारने के लिए गई थी। जैसे ही छत पर पहुंचीं एकदम से करीब दर्जन भर बंदरों की टोली ने उन पर हमला बोल दिया। बंदरों के हमले से डरते हुए वह दूसरी मंजिल से नीचे जा गिरीं, जिससे उनके दोनों पैर टूट गए। इसके अलावा शरीर के दूसरे हिस्सों में भी चोटें आई हैं। बता दें कि इससे पहले भी दिसंबर 2022 में नगर के जटवाड़ा मोहल्ला वार्ड नंबर 13 में छत पर टहल रही महिला पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया था। बंदरों के हमले से बचने के चक्कर में महिला छत से गिर पड़ी और गिरते ही उसकी मौत हो गई। इसी प्रकार करीब एक साल पहले फिरोजपुर झिरका नगर में भी बंदरों के हमले से छत से गिरकर एक वृद्ध महिला की मौत हो गई थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में भी बंदरों का बेहद आतंक है। उपमंडल के गांव चाहल्का, छारोडा, चिलावली और सीलखो में भी बंदर बड़े और छोटे बच्चों पर हमला कर चुके हैं। गांव सीलखो में एक साल के अंदर दो छोटे बच्चों को बंदरों ने हमला कर घायल किया है। बता दें कि तावडू नगर में सितंबर 2022 में सर्वे कर बंदरों की गिनती की गई, जिसमें 1500 बंदर बताए गए। नगर पालिका प्रशासन ने सौ बंदर अलग से मानकर 1600 बंदर पकड़ने के लिए करीब 21 लाख रुपये का टेंडर जारी किया था। नगर पालिका प्रशासन का दावा था कि 1600 बंदर पकड़ कर अलवर सरिस्का टाइगर रिजर्व पार्क में छोड़ दिए, जबकि मंकी कैचर टीम का आरोप है कि उन्हें पूरे पैसे नहीं दिए गए। जिसके चलते उन्होंने अपना काम बीच में ही छोड़ दिया। मात्र आठ सौ से अधिक बंदर ही पकड़े थे। तावडू नगर में बंदरों के आतंक को लेकर नगर पालिका के कनिष्ठ अभियंता मोहम्मद राशिद का कहना है कि पूर्व में टेंडर के मुताबिक 1600 बंदर पकड़ कर पूरी वीडियोग्राफी कर बंदरों को अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व पार्क में छोड़ा था। फिलहाल नए टेंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही नगरवासियों को बंदरों के आतंक से छुटकारा मिलेगा।
फोटो:-1- बंदरों के हमले से घायल पीजीआई रोहतक में उपचाराधीन महिला।
फोटो:-2- एक मकान की दीवार पर टहलते बन्दर।
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Gurugram News: बंदरों के हमले से डरकर छत से गिरी महिला, दोनों पैर टूटे