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आओ स्कूल चले 3.0 में प्रत्येक ब्लॉक से 3-3 प्राइमरी, मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल

मनोज धर द्विवेदी
गुरुग्राम। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) प्रदेश के 1391 (खंडवार सबसे कम नामांकन वाले स्कूल) में दस फीसदी नामांकन (न्यूनतम) बढ़ाने की योजना तैयार की गई है। इसके साथ ही एससीईआरटी इस बात पर शोध करेगी कि इन स्कूलों में पिछले वर्षों में छात्रों की संख्या क्यों नहीं बढ़ी। इसके लिए एसीईआरटी ने आओ स्कूल चले 3.0 की शुरुआत की है। इसमें हर ब्लॉक से 3-3 प्राइमरी, मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल को शामिल किया गया हैं।
प्रदेश में सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इसके बाद भी प्रदेश के कई ऐसे स्कूल हैं, जहां पर बच्चों का नामांकन आशा अनुरूप नहीं हुआ। ऐसे में एससीईआरटी ने शिक्षा निदेशालय से प्रदेश में सबसे कम नामांकन वाले स्कूलों का ब्योरा लिया है।

एससीईआरटी के निदेशक संवर्तक सिंह, उपनिदेशक सरोज दहिया एवं वीरेंद्र नारा की देखरेख में ईटी विंग के प्रभारी मनोज कौशिक ने राज्य के सभी जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों के साथ आओ स्कूल चले 3.0 को सिरे चढ़ाने की योजना पर काम प्रारंभ किया है। इसके लिए हर स्तर पर अधिकारियों कि भूमिका एवं जिम्मेदारियों का खाका तैयार कर सभी को भेजा गया है। इसके लिए डाइट एवं खंड संसाधन समन्वयक ने मिलकर न्यूनतम नामांकन वाले स्कूलों के लिए एक मेंटर को नामांकित किया है।
एससीईआरटी इस अभियान में इस बात की भी जानकारी लेगी कि दाखिले में निजी स्कूल या अन्य कोई कारण तो नहीं है। इससे इन स्कूलों में दाखिले को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा सके। प्रदेश के 1391 स्कूलों में अभी एक लाख सात हजार बच्चे हैं। एससीईआरी के निदेशक संवर्तक सिंह ने बताया कि कार्य योजना को सिरे चढ़ाया जाएगा। हर स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है।
आओ स्कूल चले 3.0 में ऐसे होंगे कार्य
चयनित स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने से स्कूल स्तर पर टीमों को गठन होगा। टीम एक-एक घर जाकर लोगाें से स्कूल और संभावित छात्रों की जानकारी लेगी। एससीईआरटी के अनुसार टीम होम विजिट करेगी, गांवों में चौपालों में नुक्कड़ नाटक और आंगनबाड़ी सेंटरों का दौरा करेंगी। स्कूलों में पीटीएम, खेल और क्लब प्रतियोगिताएं कराईं जाएंगी। प्रवेश संबंधी जानकारी के लिए बैनर के माध्यम से स्कूल में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी।
एक से 31 मई तक डायट-बीआरसी स्कूलों की रियल टाइम निरीक्षण करेंगे। इस मिशन के लिए सभी टीम सदस्यों की एक बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई। इसमें कुल 365 सदस्य शामिल हुए। इसमें 21 डायट, 240 सहयोगी, 119 बीआरसी और एससीईआरटी के अधिकारी बैठक में शामिल हुए। एससीईआरटी के अनुसार दीक्षा हरियाणा पर सूक्ष्म सुधार परियोजना (एमआईपी) के अंतर्गत सभी विद्यालय इस सुधार को एक प्रोजेक्ट के रूप में सबमिट करेंगे। परियोजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभागियों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। दीक्षा 2.0 (2024-25 ) में इस योजना के स्कूलों में नामांकन में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई थी।
गुरुग्राम में 48 कमजोर स्कूल
गुरुग्राम जिले में सोहना, गुरुग्राम, पटौदी और फर्रुखनगर ब्लॉक से सबसे कमजोर नामांकन वाले 48 स्कूलों को चुना गया है। इसमें हर ब्लॉक से 3-3 प्राइमरी, मिडिल, हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। इसी प्रकार फरीदाबाद, मेवात, पलवल, रोहतक, अंबाला समेत अन्य सभी जिलों से भी ऐसे ही स्कूलों को चुना गया है। इसमें ऐसे स्कूल भी हैं, जहां इस सत्र में कई कक्षाओं में सिर्फ एक-दो नए बच्चों का दाखिला हुआ। गुरुग्राम ब्लॉक में जीपीएस प्रेम नगर, हमीरपुर, बालियावास, जीएमएस खेड़ी माजरा, समसपुर,जीएसएसएस माकडोला, जीएसएसएस शिकोपुर, सीनियर सेकेंडरी स्कूल ग्वाल पहाड़ी, जीएचएस हरसरू, चंदू और एसपी बढ़ा व अन्य शामिल हैं। इसी प्रकार अन्य स्कूलों में भी कम नामांकन वाले स्कूल शामिल हैं।
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Gurugram News: प्रदेश के 1391 सरकारी स्कूलों में दस फीसदी बच्चों की संख्या बढ़ाने की तैयारी